अखिल भारतीय आतंकवाद निरोधक मोर्चे के प्रमुख मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा है कि यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले कश्मीरी पंडितों और अन्य हिंदुओं के साथ क्या हुआ यह जगजाहिर है।
अब वहां सिखों की सुरक्षा का सवाल है जिस पर केंद्र तथा राज्य सरकारों को गंभीरता पूर्वक विचार करना होगा।
उन्होंने कहा कि अब सरकारें वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति से बचे। अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का यही सही वक्त है। इस समस्या के समाधान के लिए सूबे को फौज के हवाले करना बेहतर है। यह आईएसआई की बड़ी सोची समझी साजिश है जो धीरे-धीरे वहां से प्रत्येक समुदाय के उन लोगों को हटाने पर लगी हुई है जो अलगाववाद का विरोध करते हैं।
इस मुद्दे पर अकाली दल की वरिष्ठ नेता बीवी जागिर कौर ने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा कश्मीर में सिखों की सुरक्षा का है। जबरन धर्म परिवर्तन कराने की आतंकवादियों की कोशिशों का सिख माकूल जवाब देंगे। जैसा वहां हो रहा है वह दुखदायी है।
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