राजस्थान निकाय चुनाव में भाजपा का पलडा भारी
जयपुर। राजस्थान में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के "क़डी से क़डी मिलाने" वाले नारे को झुठलाते हुए 126 शहरी निकाय सीटों में से 57 पर जीत दर्ज कर सत्तारूढ़ कांग्रेस को पछ़ाड दिया है।
भाजपा ने अपने अंदरूनी झग़डों और गुटबाजी के बावजूद ब़डी जीत हासिल की है। पार्टी को 126 में से 57 निकायों में कामयाबी मिली है, जबकि सत्तारूढ़ दल कांग्रेस को 49 निकायों में ही जीत मिली है, हालांकि अजमेर नगर निगम पर कब्जा कर कांग्रेस अपना दबदबा कायम करने में सफल हुई है। इसके अलावा दो सीटों पर बसपा, एक पर राकांपा और 17 पर निर्दलीय की जीत हुई है। इसी तरह वार्ड सदस्यों के चुनावों में भी भाजपा को 3096 में से देर शाम तक 1088 और कांग्रेस को 1040 वार्डो में कामयाबी मिली है। राज्य निर्वाचन आयोग के आंक़डों के अनुसार पिछले चुनावों के मुकाबले हालांकि भाजपा को 23 सीटों का घाटा हुआ है, लेकिन विपक्ष में रहने के कारण नतीजों को उसके पक्ष में माना जा रहा है। भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी के बीच टिकट बंटवारे को लेकर मतभेद उत्पन्न हुआ था, उसके बावजूद पार्टी को उम्मीद से ज्यादा सफलता मिली है। जानकारों के अनुसार पार्टी में जिस तरह की अंदरूनी कलह मची हुई थी, उसे देखते हुए भाजपा को 50 से ज्यादा सीटों की उम्मीद नहीं थी। कांग्रेस ने हालांकि पिछली बार की तुलना में 16 सीटें ज्यादा ली हैं, फिर भी सत्ता में होने के कारण कांग्रेस के लिए ये चुनावी नतीजे निराशाजनक माना जा रहा है, क्योंकि शहरी निकाय चुनावों में परंपरागत रूप से सत्तारूढ़ दल को हमेशा से बढ़त मिलती रही है।
इससे पहले वर्ष 2000 के चुनावों में कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए 59 निकायों में जीत हासिल की थी। कांग्रेस के लिए राहत की बात यह है कि उसे नवगठित अजमेर नगर निगम के चुनावों में शानदार कामयाबी मिली है। यहां उसके प्रत्याशी ने भाजपा प्रत्याशी से यह सीट छीनी है। अजमेर नगर निगम को छो़डकर राज्य के सभी पांच नगर निगमों पर अब भाजपा का कब्जा हो गया है, जबकि चार नगर निगमों पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार है। कांग्रेस के लिए सबसे निराशाजनक बात यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रभाव वाले मारव़ाड संभाग में भी कांग्रेस को मुंह की खानी प़डी है। संभाग के जोधपुर, नागौर एवं जैसलमेर जिले की 11 नगर पालिकाओं के अध्यक्ष पद पर छह जगह भाजपा प्रत्याशी कामयाब रहे हैं, जबकि अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के तीन प्रत्याशी ही कामयाब हुए। पीप़ाड और परबतसर में निर्दलीय प्रत्याशी ने बाजी मारी है।
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