मध्यप्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े विद्या भारती के साथ 13.5 करोड़ रुपए का एक करार किया है। इस करार में विद्या भारती की बाल पत्रिका ‘देवव्रत’ को मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में मुफ्त बांटने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत पत्रिका मध्यप्रदेश के एक लाख 10 हजार स्कूलों तक पहुंचाई जाएगी।
1977 में जब विद्या भारती की स्थापना की गई थी, तो इसका उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में हिंदुत्व को स्थापित करना था और आज तकरीबन 25 लाख विद्यार्थी इस संस्थान के तहत पंजीकृत हैं और 18 हजार संस्थानों को इसके द्वारा संचालित किया जा रहा है।
यह एक तरह का सांस्कृतिक गठबंधन है, जो स्कूलों में हिंदुत्व की शिक्षा को मजबूत बनाते हुए भविष्य के लिए एक पीढ़ी तैयार करेगा। संघ ने देश में जनसंगठनों की एक ऐसी संरचना तैयार की है, जो जीवन के हर क्षेत्र में हिंदुत्व के मुताबिक व्यक्ति की धार्मिक प्रतिपूर्ति करती है। यह एक स्थिति है जिसमें देश का संविधान भले ही धर्मनिरपेक्षता जैसे शब्दों को टंकित करके बंद कर दिया गया हो, पर वृहद पैमाने पर फैले इन संगठनों ने देश की बड़ी आबादी के बच्चों में पैदा होते ही संस्कारों और नैतिकताओं के रूप में हिंदुत्व का बीजारोपण किया है।
मध्यप्रदेश सरकार बाल पत्रिका को राज्य के सभी स्कूलों में वितरित करते हुए संघ के इसी दृष्टिकोण को स्थापित करने का एक सरकारी कार्यक्रम चलाएगी, जो मध्यप्रदेश के बच्चों को धार्मिक आख्यानों व कल्पित कथाओं से लैस एक हिंदू के रूप में निर्मित करेगा।
जहाँ एक और पी. चितंबरम 'भगवा' को आतंकवाद से जोड़कर देख रहें हैं वहीँ दूसरी और मध्य प्रदेश सरकार का यह निर्णय एक साहसिक कदम ही कहा जायेगा.
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