भारत की अब तक की सबसे विवादास्पद नेता राष्ट्रपति बनने के पहले रही प्रतिभा पाटिल के परिवार की कारगुजारियां लगातार सामने आ रही है। अब तक उनके पति, बेटे और देवर के खिलाफ दर्ज मामले सामने आए थे मगर अब तो उनकी सगी बेटी पर करोड़ों की जमीन हड़पने का इल्जाम लगा है। राष्ट्रपति पद पर बैठ कर प्रतिभा पाटिल अपना बचाव नहीं कर सकती मगर बिटिया ने सारे अभियुक्तों की तरह अपने आपको निर्दोष ठहराया है।
आश्चर्य की बात यह है कि जमीन हड़पने का आरोप जिन देवी जी पर लगा है उनका नाम ज्योति राठौर है और वे प्रतिभा पाटिल के अलावा भूतपूर्व विधायक देवी सिंह शेखावत की भी बेटी है जो संयोग से श्रीमति पाटिल के पति है।
वे भी अब तक अपनी बेटी के बचाव में कुछ नहीं बोले जबकि एक लोकल मोहल्ला छाप नेता होने के कारण उन पर बचाव करने या बयान देने के मामले में कोई पाबंदी नहीं है। खुद उन पर बैंक और चीनी मिलों में घपले, घोटाले करने के आरोप हैं। उनके भाई पर एक किसान को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला चल रहा है और यह तो आपको पता ही है कि महामहिम प्रतिभा देवी सिंह पाटिल इस देश में न्याय की आखिरी सीढ़ी है।
फूलों की खेती के लिए मशहूर पुणे के जांबे गांव में 37 एकड़ जमीन कौड़ियों के मोल हड़प ली गई। लेकिन इस जमीन घोटाले का आरोप जिन पर लग रहा है उनके नाम सुनकर आप चौंक जाएंगे। पहली हैं राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की बेटी ज्योति राठौर और दूसरे महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास मंत्री जयंत पाटिल।
महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का परिवार एक बार फिर आरोपों के घेरे में है। राष्ट्रपति की बेटी ज्योति राठौर और महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास मंत्री जयंत पाटिल पर पुणे के जांबे गांव की जमीन हड़पने का आरोप है। किसानों का आरोप है कि ट्र्स्ट के नाम पर 37 एकड़ जमीन कौड़ियों के मोल हथिया ली गई। जबकि इस जमीन पर फूलों की खेती कर किसान अपना परिवार चलाते हैं। मुंबई-पुणे हाइवे पर बसे इस गांव की पहचान ही फूलों की खेती से है।
जांबे के किसानों ने बड़े भरोसे के साथ एनसीपी नेता को अपना ग्राम प्रधान चुना था। मगर उसी प्रधान ने उनके साथ दगा किया। आरोप है कि ग्राम प्रधान की मिली भगत से 17 एकड़ जमीन राष्ट्रपति की पुत्री ज्योति राठौर के ट्रस्ट के नाम और 10-10 एकड़ के दो प्लॉट महाराष्ट्र सरकार में ग्रामीण विकास के मंत्री जयंत पाटिल के एजुकेशन ट्रस्ट के नाम कर दिए गए।
ये खुलासा तब हुआ जब एक सूचना के अधिकार के तहत एक सामाजिक कार्यकर्ता ने जानकारी निकाली। डेटलाइन इंडिया के हाथ लगे दस्तावेजों पर गौर करें तो जमीन के आवंटन में जमकर हेराफेरी की गई। इस हेराफेरी में नेताओं ने अपनी हैसियत का इस्तेमाल करते हुए तमाम नियम कानून ताक पर रख दिए।
जमीन की मौजूदा कीमत 10 लाख रुपये प्रति एकड़ है। वहीं इन लोगों को ये जमीन 1 लाख प्रति एकड़ के दाम पर दी गई। इतना ही नहीं जमीन की लीज 99 साल तक के लिए इनके नाम कर दी गई। कोई इस जमीन की बिक्री पर सवाल न उठाए सो बिना किसानों को बताए आनन-फानन में ये जमीन इन लोगों के नाम कर दी गई। जमीन जयंत पाटिल और ज्योति राठौर के ट्रस्ट के नाम पर आवंटित है। जबकि नियम के उलट दोनों के ट्रस्ट उनके घर के पते पर रजिस्टर हैं।
पहले भी राष्ट्रपति के परिवार और करीबियों पर घोटाले और हेराफेरी के आरोप लगे हैं। इस बार तो सीधे उनकी बेटी ही सवालों के घेरे में है। जाहिर है किसानों के गुस्से ने तूल पकड़ा तो राजनीति गर्माएगी और आंच राष्ट्रपति भवन तक जाएगी।
आश्चर्य की बात यह है कि जमीन हड़पने का आरोप जिन देवी जी पर लगा है उनका नाम ज्योति राठौर है और वे प्रतिभा पाटिल के अलावा भूतपूर्व विधायक देवी सिंह शेखावत की भी बेटी है जो संयोग से श्रीमति पाटिल के पति है।
वे भी अब तक अपनी बेटी के बचाव में कुछ नहीं बोले जबकि एक लोकल मोहल्ला छाप नेता होने के कारण उन पर बचाव करने या बयान देने के मामले में कोई पाबंदी नहीं है। खुद उन पर बैंक और चीनी मिलों में घपले, घोटाले करने के आरोप हैं। उनके भाई पर एक किसान को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला चल रहा है और यह तो आपको पता ही है कि महामहिम प्रतिभा देवी सिंह पाटिल इस देश में न्याय की आखिरी सीढ़ी है।
फूलों की खेती के लिए मशहूर पुणे के जांबे गांव में 37 एकड़ जमीन कौड़ियों के मोल हड़प ली गई। लेकिन इस जमीन घोटाले का आरोप जिन पर लग रहा है उनके नाम सुनकर आप चौंक जाएंगे। पहली हैं राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की बेटी ज्योति राठौर और दूसरे महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास मंत्री जयंत पाटिल।
महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का परिवार एक बार फिर आरोपों के घेरे में है। राष्ट्रपति की बेटी ज्योति राठौर और महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास मंत्री जयंत पाटिल पर पुणे के जांबे गांव की जमीन हड़पने का आरोप है। किसानों का आरोप है कि ट्र्स्ट के नाम पर 37 एकड़ जमीन कौड़ियों के मोल हथिया ली गई। जबकि इस जमीन पर फूलों की खेती कर किसान अपना परिवार चलाते हैं। मुंबई-पुणे हाइवे पर बसे इस गांव की पहचान ही फूलों की खेती से है।
जांबे के किसानों ने बड़े भरोसे के साथ एनसीपी नेता को अपना ग्राम प्रधान चुना था। मगर उसी प्रधान ने उनके साथ दगा किया। आरोप है कि ग्राम प्रधान की मिली भगत से 17 एकड़ जमीन राष्ट्रपति की पुत्री ज्योति राठौर के ट्रस्ट के नाम और 10-10 एकड़ के दो प्लॉट महाराष्ट्र सरकार में ग्रामीण विकास के मंत्री जयंत पाटिल के एजुकेशन ट्रस्ट के नाम कर दिए गए।
ये खुलासा तब हुआ जब एक सूचना के अधिकार के तहत एक सामाजिक कार्यकर्ता ने जानकारी निकाली। डेटलाइन इंडिया के हाथ लगे दस्तावेजों पर गौर करें तो जमीन के आवंटन में जमकर हेराफेरी की गई। इस हेराफेरी में नेताओं ने अपनी हैसियत का इस्तेमाल करते हुए तमाम नियम कानून ताक पर रख दिए।
जमीन की मौजूदा कीमत 10 लाख रुपये प्रति एकड़ है। वहीं इन लोगों को ये जमीन 1 लाख प्रति एकड़ के दाम पर दी गई। इतना ही नहीं जमीन की लीज 99 साल तक के लिए इनके नाम कर दी गई। कोई इस जमीन की बिक्री पर सवाल न उठाए सो बिना किसानों को बताए आनन-फानन में ये जमीन इन लोगों के नाम कर दी गई। जमीन जयंत पाटिल और ज्योति राठौर के ट्रस्ट के नाम पर आवंटित है। जबकि नियम के उलट दोनों के ट्रस्ट उनके घर के पते पर रजिस्टर हैं।
पहले भी राष्ट्रपति के परिवार और करीबियों पर घोटाले और हेराफेरी के आरोप लगे हैं। इस बार तो सीधे उनकी बेटी ही सवालों के घेरे में है। जाहिर है किसानों के गुस्से ने तूल पकड़ा तो राजनीति गर्माएगी और आंच राष्ट्रपति भवन तक जाएगी।
0 comments :
Post a Comment