शिविर में रह रहे एक हिंदू मोहन बागरी ने स्थानीय मीडिया से कहा, 'हम हिंदू हैं। हमारे धर्म में गोमांस खाना वर्जित है। लेकिन, हमें गोमांस दिया गया जो कि अस्वीकार्य है।' चेहरे पर पारंपरिक टैटू बनवाए और लहंगा पहने कई महिलाओं ने अपने बच्चों के साथ शिविर छोड़ दिया और मांग की कि उन्हें कहीं और स्थानांतरित कर दिया जाए।
विरोध प्रदर्शन के बाद सिंध प्रांत के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधिकारी तुरंत शिविर पहुंचे और मामले के हल के लिए हस्तक्षेप किया। प्रांतीय अल्पसंख्यक मंत्री मोहन मल कोहिस्तानी ने कहा, 'ऐसा गलतफहमी से हुआ।
यह आहार शिविर में रह रहे लोगों के लिए था, लेकिन प्रशासन इस बात से अवगत नहीं था कि वे किस धर्म से ताल्लुक रखते हैं। बहरहाल, हमने व्यवस्थाएं की हैं और अब उन्हें अपना खाना पकाने के लिए राशन दिया जाएगा।
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