लालगढ़ में माओवादियों के समर्थन में दिए बयान को लेकर रेल मंत्री ममता बनर्जी को सड़क से लेकर संसद तक विपक्ष के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है. संसद में विपक्षी दलों ने ममता के मंत्री होने तक पर सवाल उठा दिया.
उन्होंने हाल ही में पुलिस मुठभेड़ का शिकार बने शीर्ष माओवादी नेता आजाद की मौत को हत्या बताया था. ममता ने कहा, "जिस तरह आजाद को मारा गया, वह सही नहीं था और इसकी जांच होनी चाहिए." बुधवार को ममता ने अपने बयान से पीछे नहीं हटने की भी बात कह डाली. गौरतलब है कि माओवादियों का प्रवक्ता आजाद 2 जुलाई को आंध्र प्रदेश के आदिलाबाद जिले में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था.
ममता के बयान का विरोध करते हुए सीपीएम नेता और राज्यसभा सदस्य सीताराम येचुरी ने उन पर माओवादियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार का एक मंत्री कैसे खुलकर उन माओवादियों का साथ दे सकता है जिन्हें खुद प्रधानमंत्री ने देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है.
येचुरी ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक रेल मंत्री ने सरकारी एजेंसियों को हत्यारा बताया है. उन्होंने कहा कि ममता ने अपने भाषण में माओवादियों के साथ जुड़ने पर गर्व होने की बात भी कही थी जो कि निहायत शर्मनाक है.
बीजेपी के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने भी सदन में ममता की निंदा की. उन्होंने कहा कि एक केन्द्रीय मंत्री का सरकार के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर बयान देना गंभीर बात है.
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