बांग्लादेश की गृह मंत्री सहारा खातून द्वारा अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के प्रसिद्ध त्योहार 'श्रीकृष्ण जन्माष्टमी' पर की गई टिप्पणी को लेकर उन्हें देश की मीडिया की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। खातून ने कहा था कि हिन्दू समुदाय के लोग बुधवार को जन्माष्टमी 'शांतिपूर्वक' मनाएं और शाम पांच बजे 'रोजा' के समय तक अपना काम निपटा लें।
एक स्थानीय समाचार पत्र ने अपने संपादकीय में कहा है कि मंत्री 'खुलकर भेदभावपूर्ण' रवैया अपना रही हैं। संपादकीय में कहा गया है, "यदि इस मुद्दे को गलत मानसिकता के साथ उठाया गया तो धर्मनिरपेक्ष ताकतें पलटवार कर सकती हैं।"
जन्माष्टमी को दखते हुए हिन्दू समुदाय के लोग प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर के अलावा राजधानी के विभिन्न भागों में पूजा-अर्चना करने की योजना बना रहे थे। "हिन्दू समुदाय पर इस तरह का 'प्रतिबंध' पहली बार लगाया गया है। जबकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि जन्माष्टमी और रमजान जैसे पवित्र त्योहार एक ही महीने में पड़ रहे हों।"
"गृह मंत्री के आग्रह या आदेश का मतलब कुछ भी हो सकता है। हो सकता है यह आदेश बहुसंख्यक वर्ग का बर्चस्व कायम करने के लिए दिया गया हो। संभावित हिंसा को लेकर खुफिया विभाग से कोई जानकारी नहीं मिली है। उनका आग्रह 'खुलकर भेदभावपूर्ण' करने वाला है।" यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (एएनबी) के मुताबिक नेशनल पूजा उद्जापन समिति के नेताओं की बैठक में सोमवार को जन्माष्टमी के दौरान सुरक्षा प्रबंध को लेकर चर्चा हो रही थी। बैठक में खातून ने हिन्दू समुदाय से 'रोजा इफ्तार' के दौरान लाउड्स्पीकर का प्रयोग नहीं करने का आग्रह किया था।
एक स्थानीय समाचार पत्र ने अपने संपादकीय में कहा है कि मंत्री 'खुलकर भेदभावपूर्ण' रवैया अपना रही हैं। संपादकीय में कहा गया है, "यदि इस मुद्दे को गलत मानसिकता के साथ उठाया गया तो धर्मनिरपेक्ष ताकतें पलटवार कर सकती हैं।"
जन्माष्टमी को दखते हुए हिन्दू समुदाय के लोग प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर के अलावा राजधानी के विभिन्न भागों में पूजा-अर्चना करने की योजना बना रहे थे। "हिन्दू समुदाय पर इस तरह का 'प्रतिबंध' पहली बार लगाया गया है। जबकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि जन्माष्टमी और रमजान जैसे पवित्र त्योहार एक ही महीने में पड़ रहे हों।"
"गृह मंत्री के आग्रह या आदेश का मतलब कुछ भी हो सकता है। हो सकता है यह आदेश बहुसंख्यक वर्ग का बर्चस्व कायम करने के लिए दिया गया हो। संभावित हिंसा को लेकर खुफिया विभाग से कोई जानकारी नहीं मिली है। उनका आग्रह 'खुलकर भेदभावपूर्ण' करने वाला है।" यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (एएनबी) के मुताबिक नेशनल पूजा उद्जापन समिति के नेताओं की बैठक में सोमवार को जन्माष्टमी के दौरान सुरक्षा प्रबंध को लेकर चर्चा हो रही थी। बैठक में खातून ने हिन्दू समुदाय से 'रोजा इफ्तार' के दौरान लाउड्स्पीकर का प्रयोग नहीं करने का आग्रह किया था।
Laaton ke Bhoot Baaton se nahin maante. These creeps have been getting away with virtual murder & they as community need to be stopped for good. We must take this responsibility on us asap.
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