बाद में निषाद ने कहा - रीता बहुगुणा जोशी के लोगों ने मेरे साथ गली गलौज और मारपीट की । इसकी शिकायत मैंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और दिग्विजय सिंह से की है । इस तरह पिछड़े तबके के लोगो को पार्टी क्या सन्देश देना चाहती है । मै तो सिर्फ
पिछड़े तबके का सवाल उठा रहा हूँ । इससे पहले पीसीसी की बैठक में खेमेबंदी के बीच एक प्रस्ताव लेकर अध्यक्ष का चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी पर छोड़ दिया गया ।
पीसीसी के प्रस्ताव में कहा गया -आज १३ सितंबर को चुनाव की बैठक में हम सभी उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट सर्व सम्मति से यह प्रस्ताव करते है कि उत्तर प्रदेश हमारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी का गृह प्रदेश है इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ,पदाधिकारी ,कार्यकारिणी ,सभी समितियों और एकआईसीसी सदस्यों का मनोनयन सोनिया गाँधी ही करें । इसलिए हम में से कोई भी डेली गेट प्रदेश अध्यक्ष समेत किसी भी पद के लिए नामांकन नहीं करेगा । इस प्रस्ताव के साथ ही प्रदेश नेतृत्व के चयन का अधिकार अब सोनिया गाँधी को दे दिया गया है । पर उनके लिए भी यह आसान फैसला नहीं है । प्रदेश कांग्रेस की उठापटक खुलकर सामने आ चुकी है। रीता और प्रमोद खेमे में से एक के भी बनने से दूसरा खेमा चुप नहीं बैठेगा । दुसरे पिछड़े ,दलित और मुसलमानों का सवाल भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है ।
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