हर तरफ से आलोचनाओं का शिकार राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन पर अब हिंदी फिल्म जगत ने भी निशाना साधा है और इसकी तैयारियों में सामने आ रही लचर स्थिति पर निराशा जतायी है।
फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर ने अक्तूबर में होने वाले इस आयोजन को डार्क कॉमेडी की संज्ञा दे डाली। उन्होंने ट्विटर पर अपने संदेश में लिखा, ‘‘मुझे लगता है कि ‘गेम्स’ शीषर्क से राष्ट्रमंडल खेलों में एक डार्क कॉमेडी फिल्म बनायी जा रही है जहां पुल गिर रहा है, सीलिंग टूट रही है।’’ अभिनेता अजरुन रामपाल ने ट्विटर पर लिखा कि राष्ट्रमंडल खेलों पर 70 हजार करोड़ खर्च हो गये, सेंसेक्स 20 हजार के पार चला गया लेकिन भारत में गरीबी वैसी ही बनी हुई है। क्या यही लोकतंत्र है या केवल पाखंड है।
अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने कहा कि यह देश के लिए गौरवान्वित होने का अच्छा अवसर था लेकिन दुर्भाग्य से राष्ट्रमंडल खेलों ने हमें गर्व और सम्मान का एहसान नहीं कराया।
शिल्पा ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘खेलों से एक सप्ताह पहले ही चीजों का गिरना शुरू हो गया है ये और खिलाड़ी स्वास्थ्य तथा सुरक्षा का हवाला देकर पीछे हट रहे हैं इन खबरों से मुझे शर्मिंदगी महसूस हो रही है।’’ गायिका आशा भोंसले ने अपने ट्विटर संदेश में कहा, ‘‘राष्ट्रमंडल खेलों के निर्माण स्थलों की गंदगी या तो कालीन के नीचे दबाई जा रही है या कचरापेटी में डाली जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सब चलता है चलने दो। आगे बढ़ो भाई। इधर सोचने का टाइम नहीं है।’’
why yoy all saying like this india is our country this corruption is because of us.
ReplyDeletewe want to go park, jogging, world tour but participated in politics. why you liks this ki sarre neta corrupt hai. when we are depand on him and we do not make interest in politics than tehy must do the corruption. we have no right to say anything.
and check-out the total history of common wealth gaes(CWG) then you must find it's better than last many games(organised by australia,sidney.