सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में सीबीआई के अहम गवाह कहे जानेवाले आजम खान ने गुरुवार को आरोप लगाया है कि सीबीआई ने डरा-धमका कर उसका बयान लिया है। आजम खान ने कोर्ट में पेश किए हलफनामे में कहा है कि मैं सोहराबुद्दीन केस में कुछ भी जानता नहीं था, फिर भी हमीद लाला केस में मुझे फंसाने की धमकी देकर सीबीआई ने अपनी इच्छानुसार बयान दर्ज किए हैं।
सीबीआई ने फर्जी कागजात पर मेरे हस्ताक्षर लिए और टीवी के सामने भी मुझे गलत बोलने के लिए मजबूर किया गया था।
सोहराबुद्दीन केस की जांच कर रही सीबीआई के विरोध में कई महत्वपूर्ण गवाह अपना बयान बदल रहे हैं। इसी कड़ी में महत्वपूर्ण माने जानेवाले सोहराबुद्दीन के साथी आजम खान के भी मुकर जाने से सीबीआई को बड़ा नुकसान हुआ है।
आजम खान ने सीबीआई स्पेशल कोर्ट में पेश किए हलफनामे में कहा है कि जब सीबीआई ने सोहराबुद्दीन केस की जांच के सिलसिले में उससे मुलाकात की थी तब उसने कहा था की वह इस केस के सिलसिले में कुछ भी नहीं जानता। सीबीआई के अधिकारीयों ने पापुलर फायरिंग केस और हमीदलाला मर्डर केस में मुझे फंसाने की धमकी दी थी। इस वजह से में डर गया था और सीबीआई के अधिकारियों ने 20 से ज्यादा कोरे कागजों पर मेरे हस्ताक्षर करवा लिए थे।
अभय चूडासमा को नहीं जानता : आजम खान ने बताया कि सीबीआई ने मेरे बयान में लिखा है कि हमीदलाला हत्या केस में अभय चूडासमा से मिलने मैं अहमदाबाद आया था। लेकिन यह बात गलत है। मैं अभय चूडासमा को जानता भी नहीं और न ही कभी उनसे मिला हुं।
सीबीआई ने मेरे नाम से गलत बयानात तैयार किए: आजम खान ने आगे बताया कि उसे पता चला है कि उसके बयान में जोड़ा गया है कि ‘सोहराबुद्दीन के अभय चूडासमा के साथ अच्छे ताल्लुक थे और वह अभय चूडासमा के लिए काम करता था, चूडासमा के इशारे पर ही सोहराबुद्दीन व्यापारियों को धमकी देता था और यह सारी बातें सोहराब ने मुझे बताईं थीं।’
यह सारी बातें गलत हैं और मेरे नाम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। इस केस के बारे में मैं कुछ भी नहीं जानता।
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