अमेरिका के आतंकवाद रोधी रणनीतिक पहले के विशेषज्ञ पीटर बर्गेन ने कहा कि मैं समझता हूं कि यह गंभीर चिंता का विषय है और हम सभी को इसके लिए चिंतित होना चाहिए। न्यू अमेरिका फाउंडेशन के सह निदेशक बर्गेन ने सदन की आंतरिक सुरक्षा कमेटी के समक्ष गवाही में कहा कि यदि मुंबई हमले जैसा कोई हमला दोबारा हुआ तो उससे दक्षिण एशिया क्षेत्र के रणनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।
उन्होंने समिति से कहा कि मैं समझता हूं कि भारतीयों ने पिछले मुंबई हमले के बाद अत्यधिक संयम का परिचय दिया, लेकिन देश की जनता यह मांग कर सकती है कि यदि भारतीय धरती पर पाकिस्तानी गुटों की तरफ से कोई बड़ा हमला हुआ तो सरकार कठोर कदम उठाए। मेरा मानना है कि यह आने वाले समय में हमारी विदेश नीति के लिए प्रमुख चुनौतियों में एक होगा। बर्गेन ने कहा कि अमेरिकी विदेश नीति के समक्ष आने वाले वर्षो में 'मुंबई दो' एक बड़ी चुनौती होगी।
पाकिस्तानी आतंकियों के किसी बड़े भारतीय शहर पर किए जाने वाले इस भीषण हमले में सैकड़ों लोगों की जाने जा सकती हैं। इस हमले से संभवत: भारत सरकार पर 'कुछ करने के लिए' भारी राजनीतिक दबाव बनेगा। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप भारत सीमापार आतंकी गुटों के प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट करने के लिए अचानक हमला कर सकता है।
यह कार्रवाई भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1947 के बाद से चौथे पूर्ण युद्ध में बदल सकती है। बर्गेन ने कहा कि इस प्रकार के युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना रहेगी। ऐसे में पाकिस्तान पश्चिमी सीमा पर तालिबान आतंकियों से संघर्ष कर रही अपनी सेनाओं को पूर्वी सीमा पर भेजेगा। इससे अलकायदा समेत अन्य आतंकी गुटों पर से दबाव कम हो जाएगा।
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