अयोध्या पर हाई कोर्ट के फैसले को टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका खारिज हो गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच अब इस मामले में अपना फैसला सुना सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट रमेशचंद्र त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवादित स्थल पर जमीन के मालिकाना हक को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला टालने वाली इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की और यह फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस कपाड़िया ने एक लाइन में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि यह याचिका खारिज की जाती है।
चीफ जस्टिस एस.एच. कपाड़िया की अध्यक्षता वाली और जस्टिस आफताब आलम और जस्टिस के.एस. राधाकृष्णन वाली 3 सदस्यीय बेंच ने मंगलवार को 2 बजे यह फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अगले 3 दिनों में इलाहाबाद कोर्ट के फैसले आने का रास्ता साफ हो गया है। गौरतलब है कि 1 अक्टूबर को लखनऊ बेंच के एक जज धर्मवीर सिन्हा रिटायर्ड हो रहे हैं और उनके रिटायर्ड होने से पहले यह फैसला आ जाएगा।
इससे पहले आज सुबह सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई और अटर्नी जनरल जी. ई. वाहनवटी सहित निर्मोही अखाड़ा, सुन्नी वक्फ बोर्ड, हिंदू महासभा ने अपना-अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखा।
गौरतलब है कि अयोध्या मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच 24 सितंबर को फैसला सुनाने वाली थी, लेकिन पिछले सप्ताह (23 सितंबर को) रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट रमेश चंद्र त्रिपाठी की अंतरिम याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इसे एक सप्ताह के लिए टाल दिया था।
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