हालांकि, मामला टालने की तोहमत खुद पर न लगे, इसलिए फैसले के आड़े आना भी सरकार के लिए मुश्किल हो रहा है। इसी राजनीतिक कश्मकश के चलते कांग्रेस ने खुद पर लग रहे आरोपों के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाकर भाजपा पर ही प्रहार शुरू कर दिए हैं।
कांग्रेस पर मामले को टालने के लग रहे आरोपों की काट के लिए पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने कमान संभाली और उल्टे भाजपा पर प्रहार कर दिया। सुलह से फार्मूला निकाले जाने की याचिका दायर करने वाले रमेशचंद्र त्रिपाठी पर अगर भाजपा ने कांग्रेसी होने का आरोप मढ़ा तो दिग्विजय सिंह ने त्रिपाठी के वकील मुकुल रोहतगी को आगे कर दिया। उन्होंने कहा कि 'मामले को टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले वकील मुकुल रोहतगी तो भाजपा के नरेंद्र मोदी का मुकदमा भी लड़ रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस कैसे मामले में देरी करा रही है? हम चाहते हैं कि कानून अपना काम करे और फैसला निर्धारित प्रक्रिया से आए।' उन्होंने फैसले में देरी के लिए कांग्रेस पर साजिश रचने के आरोपों को सिरे से खारिज किया।
संप्रग सरकार व कांग्रेस इस मामले में देरी के लिए खुद पर लग रही तोहमत के मद्देनजर इस मामले में बेहद सतर्क रवैया अपना रही हैं। लिहाजा, वह फैसले में देरी की अपील तो नहीं कर रही है, लेकिन सरकार के शीर्ष सूत्र मान रहे हैं कि इतने कम समय में सुलह की कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकतीं। राष्ट्रमंडल खेलों से पहले इस संवेदनशील मुद्दे पर फैसले से सरकार डरी तो है, लेकिन इससे ज्यादा चिंता उसे इस फैसले को टलवाने के लग रहे आरोपों से है। कांग्रेस के सूत्र कह रहे हैं कि यद्यपि इस फैसले के लिए यह सही वक्त नहीं है, लेकिन सरकार या पार्टी अपनी तरफ से फैसले को रोकने की कोशिश करते कहीं नहीं दिखेंगे।
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