दिल्ली में यमुना का जलस्तर शुक्रवार को भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है और उसमें लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने जनता को आश्वासन दिया है कि लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। हरियाणा से छह लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद वे स्वयं सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री राजकुमार चौहान के साथ स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। निचले इलाकों में रह रहे लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावितों को खाद्य सामग्री भी मुहैया कराई जा रही है।
पूर्वी दिल्ली के उपायुक्त ने बताया कि दिल्ली के किसी भी इलाके में अभी बाढ़ का खतरा नहीं है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी ने बताया कि लगभग 74 नावों और 68 गोताखोरों को तैयार रखा गया है। इसके अलावा हालात से निपटने के लिए 85,850 खाली सीमेंट की बोरियां, 3,582 घन मीटर पत्थर, 11 ट्रकों और 422 लाइफ जैकेट्स की व्यवस्था की गई है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से बुधवार को 6 लाख क्यूसेक पानी छोडे़ जाने के बाद यमुना का जलस्तर चार से पांच सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
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