खेलगांव पर सदस्य देशों की चिंताओं का निवारण करते हुए राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के प्रमुख माइक फेनेल ने आज कहा कि हालात में सुधार तो हुआ है लेकिन अभी भी काफी गुंजाइश बाकी है।
फेनेल ने खेल गांव के दौरे और टीमों के अभियान प्रमुखों और कल कैबिनेट सचिव से मुलाकात के बाद आज पत्रकारों से कहा, ‘‘हालात में पिछले तीन चार दिन में काफी सुधार हुआ है लेकिन अभी खेल गांव पूरी तरह तैयार नहीं है। काफी सुधार की गुंजाइश है।’’ उन्होंेने स्वकीार किया कि इस पूरे प्रकरण से भारत की छवि बहुत खराब हुई है लेकिन इसे एक सबक की तरह लेना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे भारत को बहुत नुकसान हुआ है क्योंकि भारत राष्ट्रमंडल का सबसे बड़ा सदस्य देश है। सीजीएफ ने भी इससे सबक लिया है कि भारत जैसे देश में किस तरह आयोजन किया जाना चाहिए।’’ वहीं आलोचनाओं के शिकार आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ने आयोजन स्थल समय पर नहीं मिलने पर दोष मढ़ते हुए कहा कि सिर्फ आयोजन समिति को कसूरवार ठहराना ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘सात साल पहले जब हमें मेजबानी मिली तो मेजबान शहर का अनुबंध करते समय सभी की जिम्मेदारियां तय हो गई थी। आयोजन समिति का काम स्थलों को तैयार करना नहीं है। हमें आयोजन स्थल देर से मिले। इसके अलावा मीडिया में बजट को लेकर भी गलत धारणा है। आयोजन समिति का बजट 1600 करोड़ रुपये है। बाकी बुनियादी ढांचों पर खर्च हुआ है।’’
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