उत्तराधिकारी गोरक्षपीठ और गोरखपुर के सांसद महंत आदित्यनाथ ने कहा कि यद्यपि वे न्याय के फैसले का सम्मान करते हैं, फिर भी यदि अयोध्या मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने हिन्दू विरोधी, राष्ट्रविरोधी फैसला सुनाया तो वह बाध्यकारी नहीं होगा।
योगी ने कहा कि राम जन्मभूमि के स्वामित्व से जुड़े प्रश्न वाला मुकदमा बेवकूफी भरा है। उन्होंने कहा कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ इसके लिए कोई प्रमाण की आवश्यकता नहीं, अयोध्या में बाबर या फिर मीरबाकी का जन्म तो हुआ नहीं। यदि मुस्लिम पक्ष ने हेराफेरी कर राजस्व रिकॉर्ड पेश किया तो उसमें कोई दम नहीं। योगी ने साफ शब्दों में कहा कि मुस्लिमों ने अयोध्या का फैसला माना ही कब।
गोरखपुर से नई दिल्ली यात्रा के दौरान योगी आदित्यनाथ ने आदित्यनाथ ने कहा कि विभाजन और हिन्दुत्व से जुड़े तीनों स्थान अयोध्या, काशी और मथुरा हिन्दुओं को सौंपे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि शाहबानों के मामले पर यदि कानून बदला जा सकता है तो राम मन्दिर के लिए भी संसद में कानून बनाना चाहिए।
महंत आदित्यनाथ ने कहा कि मुसलमान न्यायालय के निर्णय मानते ही कब हैं। बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले में और गोवध के पूर्ण प्रतिबंध के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को मुसलमानों ने नहीं माना। उन्होंने कहा कि मुसलमान देश के संविधान से ज्यादा शरीयत को मानते हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरक्षपीठ वर्ष 1949 से रामलला के प्राकट्य के बाद से राममंदिर आंदोलन से जुड़ी है, लेकिन 1983 में राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति ने राम जन्मभूमि का ताला खोलने का जबरदस्त अभियान चलाया था।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 1986 में अयोध्या में ताला कैसे खुला? उन्होंने कहा कि बिना सरकार के सहयोग से यह संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस या सेक्युलर किस मुँह से अयोध्या में भगवान राम के अस्तित्व को नकारेंगे जब 1989 में राजीव गाँधी ने रामराज्य की स्थापना का नारा देकर अपने चुनाव अभियान का श्रीगणेश फैजाबाद में एक जनसभा कर किया था।
एक प्रश्न के उत्तर में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रशासन द्वारा हनुमत शक्ति जागरण यात्रा पर रोक लगाना विनाशकाले विपरीत बुद्धि जैसी बात है। उन्होंने कहा कि यदि उत्तरप्रदेश सरकार ने ऐसा आदेश जिला प्रशासन को दिया तो यह आग में खेलने का काम किया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धार्मिक सांस्कृतिक अभियान को रोकने का काम नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि मायावती मुलायम बनना चाहती हैं तो बनें।
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हिन्दू विरोधी फैसला बाध्यकारी नहीं - महंत आदित्यनाथ
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