जागो हिन्दु आज समय ने फिर ललकारा है
सन्कट मे है पडा आज यह विश्व हमारा है ॥धृ॥
हम तो शान्ती मार्ग पर चलते जग मे सब को बन्धु समझते
दुर्बल को पर कभी न देता जगत सहारा है ॥१॥
धन जन बल मे कभी न कम थे जग मे सब से बढ कर हम थे
युग युग से सन्तप्त मनुज ने यही निहारा है ॥२॥
जब जब शत्रु ईधर चढ आया तब तब हम ने मार भगाया
आदि काल से जग मे परिचित शौर्य हमारा है ॥३॥
हिन्दु युवको कमर बान्ध लो शत्रु विनाशक शस्त्र साध लो
वीर प्रस्विनी हिन्दु जाति ने आज पुकारा है ॥४॥
नस नस मे है रक्त राम का गीता का उपदेश श्याम का
राम कृष्ण का देश प्राण से बढ कर प्यारा है ॥५॥
ईस पर आँच न आने पाये चाहे प्राण भले ही जाये
तन मन दे कर इसे बचाना धर्म हमारा है ॥६॥
सन्घ मन्त्र गून्जे घर घर मे ग्राम ग्राम मे नगर नगर मे
इसी मार्ग से सुख पा सकता जगत हमारा है ॥७॥
सन्कट मे है पडा आज यह विश्व हमारा है ॥धृ॥
हम तो शान्ती मार्ग पर चलते जग मे सब को बन्धु समझते
दुर्बल को पर कभी न देता जगत सहारा है ॥१॥
धन जन बल मे कभी न कम थे जग मे सब से बढ कर हम थे
युग युग से सन्तप्त मनुज ने यही निहारा है ॥२॥
जब जब शत्रु ईधर चढ आया तब तब हम ने मार भगाया
आदि काल से जग मे परिचित शौर्य हमारा है ॥३॥
हिन्दु युवको कमर बान्ध लो शत्रु विनाशक शस्त्र साध लो
वीर प्रस्विनी हिन्दु जाति ने आज पुकारा है ॥४॥
नस नस मे है रक्त राम का गीता का उपदेश श्याम का
राम कृष्ण का देश प्राण से बढ कर प्यारा है ॥५॥
ईस पर आँच न आने पाये चाहे प्राण भले ही जाये
तन मन दे कर इसे बचाना धर्म हमारा है ॥६॥
सन्घ मन्त्र गून्जे घर घर मे ग्राम ग्राम मे नगर नगर मे
इसी मार्ग से सुख पा सकता जगत हमारा है ॥७॥
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