पाकिस्तान ने तीखे तेवर अपनाते हुए रविवार को राग अलापा कि भारत कश्मीर को लेकर अपनी कठोर नीति बदले। उसने दावा किया कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है। लिहाजा, मसले का हल भारत के संविधान के दायरे में संभव नहीं है।
पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने एक न्यूज चैनल से कहा कि भारत की कश्मीर नीति में बदलाव आने पर ही दोनों देशों के बीच वार्ता कामयाब होगी। उन्होंने कहा कि कश्मीर समस्या अंतरराष्ट्रीय मसला है। संयुक्त राष्ट्र इसे लेकर प्रस्ताव भी पारित कर चुका है। समस्या का हल कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप ही संभव है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भारत बीते जून से जम्मू-कश्मीर में ‘क्रूर ताकत’ का इस्तेमाल कर रहा है। पाकिस्तान चाहता है कि भारत के जुल्म तत्काल बंद हों। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर दोनों देश दशकों से बातचीत कर रहे हैं। समग्र वार्ता प्रक्रिया के एजेंडे में भी यह सर्वोच्च प्राथमिकता में है। लेकिन भारत ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई।
भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने कश्मीर और आतंकवाद पर मतभेदों के बावजूद वार्ता की जरूरत को रेखांकित किया है। पाक विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी ने यहां एशिया सोसायटी को संबोधित करते हुए कहा कि वार्ता से किसी समस्या का हल खोजना ही सही तरीका है। उधर, भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने भारतीय मिशन में आयोजित समारोह में कहा कि वार्ता के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
The easiest solution to combat international terrorism including in our neighborhood and the Kashmir issue is to decognize pukistan as a seperate nation thus undoing the partition, declaring Hindusthan as a Hindu nation. It can only be achieved only if anti-national, communal to the core congi-commie parties are completely annhilated & exhumed. Recognising gduratma gandhi as a foreign stooge & a traitor to the cause of our nation's unity.
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