लखनऊ में सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश की गई है। पहल हुई है शिया यूथ ऑर्गनाइजेशन की ओर से। संगठन ने राममंदिर के निर्माण की शुरुआत के लिए 15 लाख रुपये की मदद देने की पेशकश की है। इतना ही नहीं उसने अयोध्या विवाद पर आए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का भी विरोध किया है।
शिया हुसैनी टाइगर्स के चीफ शमील शम्सी ने शनिवार को पत्रकारों को बताया, ' हम औपचारिक तौर पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करने की गुजारिश करेंगे। हम उनसे लंबे अरसे से चले आ रहे इस विवाद को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म करने की गुजारिश भी करेंगे। ' गौरतलब है शम्सी नामी शिया धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट रह चुके मौलाना कल्बे सादिक के करीबी रिश्तेदार हैं। मौलाना कल्बे सादिक के चचेरे भाई मौलाना कल्बे जव्वाद हुसैनी टाइगर्स के मुख्य संरक्षक हैं।
जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव द्वारा फैसले की आलोचना किए जाने को शम्सी ने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। शम्सी ने मुस्लिम नेताओं को उनके उस बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कोर्ट के फैसले को स्वीकार करने की बात कही थी। शम्सी ने जोर देकर कहा, ' मुझे लगता है बोर्ड को इस विवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए पहल करनी चाहिए। '
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