कॉमनवेल्थ गेम्स को देश की आन-बान-शान से जोड़ने वाली ऑर्गेनाइजिंग कमिटी एक नए घोटाले में फंसती नजर आ रही है।
इस बार मामला गेम्स टिकट का है। एक ओर जहां गेम्स के दौरान स्टेडियम वीरान दिखाई दे रहे हैं, तो दूसरी ओर गेम्स देखने वाले दर्शकों को टिकट खिड़की से टिकट मांगने पर टका सा जवाब मिल रहा है कि टिकट उपलब्ध नहीं है। इसके चलते जब इस मसले पर ओसी चीफ सुरेश कलमाड़ी से पूछा गया, तो उनका कहना है कि हमने सभी खेलों के लिए 14 लाख टिकट का इंतजाम किया है और उनमें से 9 लाख टिकट बिक चुके हैं। लेकिन जब उनसे इसी आकंडे को आधार बनाते हुए बाकी बचे 5 लाख टिकटों का हिसाब पूछा तो वह अगल-बगल झांकने लगे। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है, कमिटी इस बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही है।
टिकटों के अलावा कमिटी ने 3 लाख कॉम्पलिमेंटरी पास की भी व्यवस्था की थी, लेकिन ओसी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार लोग पास लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
शुक्रवार को गेम्स देखने पहुंचे ऐसे बहुत से दर्शको को निराशा हाथ लगी जो टिकट लेने के लिए बुकिंग विंडो पर पहुंचे। दिल्ली के ऋषभ अरोड़ा ने बताया कि शुक्रवार को बहुत से खेलों में तो भारत शामिल भी नहीं था, लेकिन फिर भी टिकट उपलब्ध नहीं हुए, जबकि अमूमन देखा जा रहै है कि स्टेडियम खाली पड़े हुए हैं, ऐसा क्यों हो रहा है, समझ में नहीं आता है। एक दूसरे खेल प्रेमी अमरजीत ने बताया कि संडे को भारत-पाक के बीच होने वाले हॉकी मैच के टिकट भी पिछले हफ्ते से उपलब्ध नहीं है और पास भी नहीं मिल रहे हैं। वैसे इस मसले पर कलमाड़ी ने कहा कि दर्शकों ने टिकटें तो खरीदी हैं, लेकिन गर्मी के चलते लोग मैच देखने नहीं आ रहे हैं।
घोटाले दर घोटालो के लिए जाने जाने वाले यह कॉमनवेल्थ गेम्स में हुए इस टिकट घोटाले पर वैसे कई तरीके की बातें सामने आ रही हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बड़ी तादाद में टिकट कबाड़ में बेच दिए गए हैं, तो कुछ के अनुसार अभी पूरे टिकट प्रिंट नहीं हुए है, कुछ लाख टिकटों की प्रिंटिंग चल रही है।
इस मसले पर शनिवार दोपहर सीजीएफ अध्यक्ष माइकल फेनेल ने बताया कि आज एक बैठक में यह फैसला किया गया है कि इस मामले की जांच होगी और इसकी रिपोर्ट संडे तक सौंप दी जाएगी।
टिकटों के अलावा कमिटी ने 3 लाख कॉम्पलिमेंटरी पास की भी व्यवस्था की थी, लेकिन ओसी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार लोग पास लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
शुक्रवार को गेम्स देखने पहुंचे ऐसे बहुत से दर्शको को निराशा हाथ लगी जो टिकट लेने के लिए बुकिंग विंडो पर पहुंचे। दिल्ली के ऋषभ अरोड़ा ने बताया कि शुक्रवार को बहुत से खेलों में तो भारत शामिल भी नहीं था, लेकिन फिर भी टिकट उपलब्ध नहीं हुए, जबकि अमूमन देखा जा रहै है कि स्टेडियम खाली पड़े हुए हैं, ऐसा क्यों हो रहा है, समझ में नहीं आता है। एक दूसरे खेल प्रेमी अमरजीत ने बताया कि संडे को भारत-पाक के बीच होने वाले हॉकी मैच के टिकट भी पिछले हफ्ते से उपलब्ध नहीं है और पास भी नहीं मिल रहे हैं। वैसे इस मसले पर कलमाड़ी ने कहा कि दर्शकों ने टिकटें तो खरीदी हैं, लेकिन गर्मी के चलते लोग मैच देखने नहीं आ रहे हैं।
घोटाले दर घोटालो के लिए जाने जाने वाले यह कॉमनवेल्थ गेम्स में हुए इस टिकट घोटाले पर वैसे कई तरीके की बातें सामने आ रही हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बड़ी तादाद में टिकट कबाड़ में बेच दिए गए हैं, तो कुछ के अनुसार अभी पूरे टिकट प्रिंट नहीं हुए है, कुछ लाख टिकटों की प्रिंटिंग चल रही है।
इस मसले पर शनिवार दोपहर सीजीएफ अध्यक्ष माइकल फेनेल ने बताया कि आज एक बैठक में यह फैसला किया गया है कि इस मामले की जांच होगी और इसकी रिपोर्ट संडे तक सौंप दी जाएगी।
अच्छा प्रयास है,बधाई
ReplyDeleteहिन्दी ब्लॉग की दुनिया में आपका तहेदिल से स्वागत है।
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को नवरात्र की शुभकामनाएं।
सार्थक लेखन के लिये आभार।
ReplyDeleteयदि आपके पास समय हो तो कृपया मुझ उम्र-कैदी का निम्न ब्लॉग पढने का कष्ट करें हो सकता है कि आप के अनुभवों से मुझे कोई मार्ग या दिशा मिल जाये या मेरा जीवन संघर्ष किसी के काम आ जाये।
http://umraquaidi.blogspot.com/
अच्छा प्रयास है,बधाई
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त करने का कष्ट करें