भारत निर्माण यात्रा पर निकले योगगुरु बाबा रामदेव ने भ्रष्ट हो चुके सिस्टम को ठीक करने के अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि आसन करने वाला बाबा राजनीति के सिंहासन की कोई चाह नहीं रखता.
द्वारिका से शुरू हुई यह यात्रा शुक्रवार को कुछ घंटों के लिए अमृतसर में थी और इसी दौरान बाबा ने कहा कि जिन अंग्रेजों ने भारत देश के सात लाख क्रांतिकारियों को मौत के घाट उतार दिया था, आज उसी ब्रिटेन से जुड़े 71 देशों की आवभगत में भारत जुटा हुआ है, यह हमारे शहीदों का अपमान है.
रामदेव जी ने कहा कि कॉमनवेल्थ खेलों की आड़ में इस सरकार ने एक लाख करोड़ रूपये फूंक डाले हैं, यदि इसी पैसों को शिक्षा पर खर्च किया जाता तो देश का भविष्य सुधर सकता था. राजनेताओं के खिलाफ बोलने पर मिल रही धमकियों के सम्बध मे उन्होने कहा कि उनका किसी भी व्यक्ति से द्वेष नहीं है. अगर उन्हें कु्छ भी होता है तो उसकी जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की ही होगी.
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