कर्नाटक के विधानसभा अध्यक्ष के जी बोपैय्या ने ध्वनिमत से विश्वास मत के पारित होने को सही ठहराते हुए कहा कि किसी ने भी मत विभाजन की मांग नहीं की। बोपैय्य ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि जब प्रस्ताव ध्वनिमत के लिए पेश किया गया तो विधानसभा के किसी भी सदस्य ने मत विभाजन की मांग नहीं की।
उन्होंने कहा कि किसी ने भी [मत विभाजन की] मांग नहीं की इसलिए मत विभाजन का सवाल कहां उठता है। नियमों के मुताबिक प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया। उन्होंने कहा कि वहां समय सीमा थी क्योंकि यही प्रस्ताव एकमात्र विषय था जिसे आज ही पूरा करना था। बोपैय्या सदन में पुलिसकर्मियों के प्रवेश को भी जायज करार देते दिखे। उन्होंने कहा कि जब हालात काबू में न हों तो व्यवस्था बहाल करने के लिए ऐसा [पुलिस को सदन में बुलाना] किया जा सकता है।
यह पूछे जाने पर कि वह किस तरह पांच निर्दलीय सदस्यों को अयोग्य करार दे सकते हैं, इस पर उन्होंने कहा कि किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने वाले निर्दलीय अयोग्य करार दिए जाने योग्य हैं। बोपैय्या ने कहा कि कार्यकाल की समाप्ति तक निर्दलीय सदस्यों को निर्दलीय ही रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि निर्दलीय सदस्यों की ओर से मुहैया कराए गए दस्तावेजों के मुताबिक वे एक खास राजनीतिक दल में शामिल हुए हैं।
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