पूर्व गृह राज्यमंत्री अमित शाह ने सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में विशेष सीबीआई न्यायालय द्वारा जमानत न देने संबंधी आदेश को गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। हाईकोर्ट मंगलवार को भाजपा नेता की याचिका पर संज्ञान लेगा। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि हास्यास्पद सबूतों को ध्यान में लेकर विशेष सीबीआई अदालत ने उनकी जमानत याचिका ठुकरा दी है।
आवेदक राजनीतिक वैमनस्य का शिकार हुआ है। मेरे खिलाफ प्रथमदृष्टया कोई सबूत नहीं है। इस तथ्य को आवेदक ने साबित भी किया किन्तु ध्यान नहीं दिया गया। इतना ही नहीं सीबीआई न्यायालय ने अवैधानिक किस्म की टिप्पणियां की हैं। आठ अक्टूबर को विशेष सीबीआई न्यायाधीश जीके उपाध्याय की अदालत ने शाह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
मामले में शाह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने पैरवी की जबकि सीबीआई ने केटीएस तुलसी की सेवाएं लीं थी। सीबीआई न्यायालय ने तीखी टिप्पणियां कर आदेश में आशंका जताई थी कि आरोपी प्रभावशाली है जमानत पर छूट कर वह गवाहों को मरवा सकता है। शाह मामले में 25 जुलाई से न्यायिक अभिरक्षा में हैं। बीच में दो दिन के लिए जांच एजेंसी सीबीआई ने उन्हें रिमांड पर लिया था।
जांच एजेंसी ने पूर्व गृह राज्यमंत्री पर षड्यंत्र, अपहरण, रंगदारी वसूलने , हत्या एवं गवाहों को धमकाने सहित आरोप लगाए हैं। आरोप पत्र दायर होने के बाद शाह ने अग्रिम जमानत प्राप्त करने का प्रयास किया था किंतु अदालत से राहत नहीं मिली। बाद में उनकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई।
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