कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार आज दोबारा विश्वास मत रखेगी। आज फैसला जो भी हो, लेकिन सरकार के भाग्य का अंतिम फैसला सोमवार को ही हो सकेगा, जब हाईकोर्ट अयोग्य घोषित विधायकों की याचिका पर सुनवाई करेगा।
विधानसभा में आज कड़ी सुरक्षा की गई है ताकि सोमवार का घटनाक्रम नहीं दोहराया जाए। मुख्यमंत्री ने सोमवार को जबर्दस्त हंगामे के बीच पहला विश्वास मत हासिल किया था। कांग्रेस, जनता दल (सेक्युलर) और 16 अयोग्य घोषित विधायकों ने उस दिन विधानसभा में जबर्दस्त हंगामा किया था। मार्शलों पर हमले हुए, और कई बाहरी तत्व सदन में घुस गए। राज्यपाल के सुझाव पर आज फिर बीजेपी सरकार विश्वास मत हासिल करने जा रही है। सदन की कार्यवाही सुबह 11.30 बजे शुरु होगी।
आज की परिस्थिति में यदि कुछ असामान्य नहीं हुआ तो सरकार के बचने के आसार हैं। फिलहाल आंकड़े सरकार के पक्ष में हैं। कुल मिलाकर बीजेपी के पक्ष में 108 विधायक बताए जा रहे हैं, जिसमें स्पीकर शामिल नहीं हैं। मतदान में यदि बराबर मत पड़ सकते हैं तो स्पीकर भी वोट कर सकते हैं। विपक्ष के पास 100 विधायकों का समर्थन बताया जा रहा है।
पहले विश्वास मत के पूर्व रविवार को विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपय्या ने 11 बीजेपी और 5 निर्दलियों सहित 16 विधायकों को सदन की कार्यवाही से अयोग्य घोषित कर दिया था। उन्होंने यह कार्रवाई दल बदल कानून का तहत की। इन विधायकों ने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका पेश की।
मंगलवार को अपील पर सुनवाई हुई और अगली सुनवाई आने वाले सोमवार को है। इसी बीच बुधवार को पांच निर्दलीय विधायकों ने फिर एक याचिका हाईकोर्ट में लगाकर मामले की तत्काल सुनवाई की अपील की। हाईकोर्ट ने हालांकि इन विधायकों को कोई राहत नहीं दी, लेकिन साफ कर दिया है कि गुरुवार को सदन की कार्यवाही का अंतिम निर्णय, सोमवार को होने वाली सुनवा के बाद ही होगा।
यदि कोर्ट स्पीकर के आदेश को बनाए रखता है, तो सरकार बची रहेगी, लेकिन यदि अदालत ने फैसले को पलट दिया, तो सरकार को फिर से विश्वास मत हासिल करना पड़ सकता है।
कड़ी सुरक्षा है विधानसभा में
विधानसभा में आज करीब 149 मार्शल ड्यूटी पर रहेंगे। किसी भी बाहरी व्यक्ति को सदन में घुसने नहीं दिया जाएगा। आज सांसद और पूर्व विधायकों को भी आने की इजाजत नहीं है। आमतौर पर सदन की कार्यवाही दर्शक दीर्घा, वीआईपी दीर्घा से देखी जा सकती है, लेकिन आज किसी को भी यहां आने की इजाजत नहीं होगी। खासतौर पर अयोग्य घोषित विधायक तो विधानसभा के आसपास भी नहीं फटक सकेंगे।
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