गृहमंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए नियुक्त किए गए तीनों वार्ताकारों को राजनीतिक हल के लिए राह ढूंढ़ने का जिम्मा सौंपा गया है और समिति के समक्ष कोई सीमा रेखा नहीं है। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि कोई सीमा रेखा नहीं है। उनका मुख्य कार्य एक राजनीतिक हल के लिए राह ढूंढ़ना है। बाकी सभी राजनीतिक हल में सहायक हैं।
जाने माने पत्रकार दिलीप पडगांवकर, प्रख्यात विद्धान राधा कुमार और केंद्रीय सूचना आयुक्त एमएम अंसारी को 13 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के लिए वार्ताकार नियुक्त किया गया था। इनकी कल चिदंबरम के साथ बैठक हुई थी। चिदंबरम ने कहा कि एक राजनीतिक समस्या है और हमें एक राजनीतिक हल प्राप्त करना है। चिंदबरम ने कहा कि वार्ताकारों का कार्य राज्य में व्यापक रूप से परामर्श करना, समाज के विभिन्न तबके के बहुत सारे लोगों से मुलाकात करना है।
उन्हें खासतौर पर राजनीतिक दलों से, नेताओं, राजनीतिक संगठनों, विश्वविद्यालय शिक्षक, छात्र और गैर सरकारी संगठनों से बात करनी है। गृहमंत्री ने कहा कि यह लोग जम्मू-कश्मीर के मुद्दे का राजनीतिक हल प्राप्त करने के लिए विचार के हर पहलू को जुटाएंगे।
बहरहाल, चिदंबरम ने चौथे वार्ताकार की नियुक्ति का विकल्प खुला रखा है। यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा तीन सदस्यीय दल में किसी चौथे सदस्य को शामिल किए जाने की संभावना है, उन्होंने कहा कि हम ऐसा कर सकते हैं।
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