चीन ने भारत को भड़काने की एक और कोशिश की है। उसने भारत से सटे तिब्बत के इलाके में जमीनी और हवाई सेना का पहला साझा सैन्य अभ्यास किया। इसमें हथियारों का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया। इस अभ्यास में लड़ाकू विमान, हमला करने वाले हेलीकॉप्टर और टैंकों के अलावा कई आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया। इस अभ्यास के बारे में जानकारी उसने ऐसे समय सार्वजनिक की है, जब हनोई में चीनी और भारतीय प्रधानमंत्री की मुलाकात होनी है। इस मुलाकात में भारत तमाम विवादित मुद्दे उठाने की तैयारी में है।
चीन भारत के खिलाफ अपना रवैया लगातार आक्रमक कर रहा है। चीन ने मंगलवार को भारत को साफ कर दिया कि भारत के नियंत्रण वाले कश्मीर के नागरिकों को वीजा नीति में वह कोई बदलाव नहीं करेगा। इसके बाद चीन ने खुलासा किया कि उसने भारतीय सीमा के करीब तिब्बत में सैन्य अभ्यास किया है।
चीनी सेना के मुखपत्र 'लिबरेशन आर्मी डेली' में कहा गया है कि अभ्यास तिब्बत के पठारों में किया गया लेकिन उसमें स्थान की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। अखबार के अनुसार सैन्य अभ्यास समुद्री सतह से 15,420 फीट की ऊंचाई पर किया गया।
चीनी सेना की तिब्बत में बड़े पैमाने पर उपस्थिति और सैन्य गतिविधियां भारत के लिए चिंता का विषय है। चीन ने भारत के साथ सीमा विवाद सुलझाने की कभी गंभीर कोशिश नहीं की। चीन भारत के हिस्से अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत मानता है, और इसपर दावा जताता है। चीन ने तिब्बत में न केवल सैन्य उपयोग के लिए हवाई अड्डे बनाए हैं, वह बड़े पैमाने पर वहां सड़क निर्माण भी कर रहा है।
भारत भी इस खतरे को भांप रहा है। भारत ने भी अपनी तरफ की सीमा पर सड़क निर्माण तेज किया है, लेकिन चीन अभी भी आगे है। चीन ने तिब्बत को अशांत इलाका बताते हुए बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल तैनात किया है। लेकिन भारत समझता है कि इसका इस्तेमाल समय आने पर भारत के खिलाफ ही किया जाएगा। और अब इस इलाके में बढ़ता सैन्य अभ्यास खतरे की घंटी हो सकती है। तिब्बत और भारत की सीमाएं लगी हुई हैं और हाल ही में हुआ यह सैन्य अभ्यास भारत के लिए ही खतरा है।
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