कांग्रेस के एक नेता ने आज प्रसिद्ध लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति राय से कश्मीर पर दिया गया उनका बयान वापस लेने को कहा। पार्टी ने कहा कि उनका बयान ‘ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत’ है और यह देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह कर सकता है।
कश्मीर में एक संगोष्ठी में अरुंधति द्वारा कल दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस सदस्य सत्य प्रकाश मालवीय ने कहा, ‘‘देश के सर्वश्रेष्ठ ज्ञात लेखकों में से एक का इस तरह का गैर जिम्मेदाराना बयान देना वाकई बेहद आश्चर्यजनक है।’’ मालवीय ने कहा, ‘‘उन्हें निश्चित तौर पर अपना बयान वापस लेना चाहिए जो ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत है और यह देश के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह कर सकता है।’’
राय ने कल कहा था, ‘‘कश्मीर भारत का कभी अभिन्न हिस्सा नहीं रहा है। यह ऐतिहासिक तथ्य है। यहां तक कि भारत सरकार ने भी इसे स्वीकार किया है।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अरुंधति को अपनी इतिहास की जानकारी दुरुस्त करनी चाहिए और इस बात को जानना चाहिए कि जम्मू कश्मीर को तब भारत में सम्मिलित कर लिया गया था जब वहां के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने भारत में शामिल होने के कागजात पर 26 अक्तूबर 1947 को हस्ताक्षर किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘उसके बाद अन्य सभी रजवाड़ों की तरह जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा बन गया है।’’
कभी-कभी किसी-किसी को शर्म भी आ जाती है तो बोल देता है…
ReplyDeleteऔर शायद इटली की आंटी से पूछा भी नहीं होगा मुँह फ़ाड़ने से पहले… :)