आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के विधिक प्रकोष्ठ के संयोजक यूसुफ हातिम मुचाला ने आज कहा कि बोर्ड सभी धर्मावलम्बियों के आराध्यों का सम्मान करता है और ‘राम हमारे लिये काबिल-ए-एहतराम हैं।’ मुचाला ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ के गत 30 सितम्बर के फैसले पर विचार-विमर्श के लिये बोर्ड की कार्यसमिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘राम हमारे लिये काबिल-ए-इबादत न सही...लेकिन काबिल-ए-एहतराम :सम्मान के पात्र: तो हैं ही।
हमारी लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि अन्याय के विरुद्ध है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संविधान धर्म विरोधी नहीं है। वह हम सबको अपने-अपने धर्म का पालन करने की आजादी देता है।’’ मुचाला ने कहा कि कि उच्च न्यायालय के फैसले में धार्मिक स्वतंत्रता का संतुलन प्रदर्शित नहीं हो रहा है। उसमें एक धार्मिक आस्था को दूसरे अकीदे से उपर रखा गया है, हमें बस इसी बात पर आपत्ति है।
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