कर्नाटक में भाजपा सरकार पर बरकरार संकट के खत्म होने के आसार नजर आ रहे हैं। जिन 19 विधायकों के बागी तेवरों के कारण यह संकट पैदा हुआ था उन्हें गुरुवार को पार्टी पटरी पर लाने में कामयाब हो गई लगती है। बागी विधायकों की मुहिम का नेतृत्व करने वाले राज्य के आबकारी मंत्री एमपी रेणुकाचार्य मंत्री ने यू टर्न ले लिया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को अपना नेता बताया है। साथ ही यह भी घोषणा कर दी है कि अगले सप्ताह विधानसभा में विश्वास मत पर होने वाली वोटिंग के दौरान सरकार को कोई खतरा नहीं है। माना जा रहा है कि बागी नेताओं को रजामंद करने की कोशिशों और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से दलबदल कानून के तहत नोटिस थमाने की धमकी के कारण रेणुकाचार्य को अपना स्टैंड बदलना पड़ा है।
रेणुकाचार्य ने गोवा के एक होटल से एक कन्नड़ टीवी चैनल से बातचीत में कहा ‘येदियुरप्पा हमारे नेता हैं। सरकार स्थिर है। हम कल बेंगलुरू वापस जा रहे हैं।’ गौरतलब है कि गोवा के जिस होटल से रेणुकाचार्य ने फोन पर बात की, उस होटल में उनके साथ 14 बागी विधायक भी ठहरे हैं।
इससे पहले सरकार बचाने के लिए जूझ रहे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार को दो और मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। हटाए गए मंत्री आनंद असनोतिकर और बालचंद्र जराकिहोली हैं, जो विद्रोही विधायकों का नेतृत्व कर रहे थे। इससे पहले भी चार मंत्री बर्खास्त किए गए हैं। केरल के कन्नूर की धार्मिक यात्रा पर रवाना होने से पूर्व येदियुरप्पा ने संवाददाताओं को मंत्रियों की बर्खास्तगी की जानकारी दी। उन्होंने दूसरे विधायकों को भी विद्रोही गतिविधियों से बाज आने की चेतावनी दी है। वे कन्नूर में श्री राजराजेश्वरी मंदिर में अपनी सरकार बचाने के लिए विशेष पूजा करने जा रहे हैं।
इस बीच राजनीतिक गहमा गहमी बढ़ गई है। जोड़तोड़ के डर से कांग्रेस और जनता दल एस ने अपने-अपने विधायकों को गोपनीय और सुरक्षित जगहों पर भेज दिया है। कर्नाटक में 7 मंत्रियों सहित 19 विधायकों ने राज्यपाल को पत्र सौंप कर येदियुरप्पा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इसके बाद राज्यपाल एचआर भारद्वाज ने येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं
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