
आयोग ने इस बारे में की गई मांग को ठुकराते हुए अपने फैसले में कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठायेगा और उपाय करेगा कि मायावती की मूर्तियों और उनकी पार्टी बसपा का चुनाव चिन्ह ‘हाथी’ चुनावों के दौरान किसी भी तरह से बराबरी का अवसर मुहैया कराने में अवरोध पैदा न करने पाये ।
आयोग ने बसपा के चुनाव चिन्ह हाथी को जब्त करने की मांग संबंधी याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया है । आयोग का यह फैसला पिछले साल जुलाई में दाखिल की गई याचिकाओं पर आया है जिसमें अधिवक्ताओं रविकांत और सुकुमार ने कहा था कि लखनउ और नोएडा में हाथी और मायावती की मूर्तियां सरकारी पैसा खर्च करके लगाई गयी है ।
याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि पार्टी के चुनाव चिन्ह पर रोक लगाकर उसके स्थान पर उसे दूसरा चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाये और साथ ही मायावती को चुनाव लड़ने से आयोग्य ठहराया जाये क्योंकि उनकी अनेक मूर्तियां चुनाव के दौरान उनके विरोधियों के लिए असमान अवसर पैदा करेगी ।
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