बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का मानना है कि मौजूदा दौर में लोगों में राजनीति के प्रति महत्वकांक्षा बढ़ी है और यही वजह है कि टिकटों को लेकर हर तरफ हंगामा बरपा हुआ है।
उन्होंने यह मानने से इंकार किया कि बिहार में भाजपा छोटे भाई की भूमिका में है।
मोदी ने कहा कि गठबंधन सरकार बिना मनमुटाव के पांच वर्षो तक चलाना एक बड़ी उपलब्धि है। अगर बीच में लड़ाई होती तो विरोधी दल के लोग कहते कि सरकार में लड़ाई हो रही है। विक्षुब्धों का तो मुंह बंद नहीं किया जा सकता। भाजपा में टिकट को लेकर मचे हंगामे के बारे में पूछे जाने पर मोदी कहते है कि आज लोगों में राजनीति को लेकर महत्वकांक्षा बढ़ गई है। ऐसे में लोग टिकट के लिए हंगामा करेंगे ही। पिछले चुनाव की तुलना में इस दफा हंगामा कम है।
जब उनसे यह पूछा गया कि सरकार में बतौर सहयोगी भाजपा की भी मुख्य भूमिका रही लेकिन विकास का सारा श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही क्यों लेने दिया जा रहा है, इस पर उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है। सरकार ने अच्छा काम किया है तो इसका श्रेय हमे नहीं राज्य की नौ करोड़ जनता को जाता है, जिसके सहारे भाजपा और जनता दल [युनाइटेड] की सरकार ने अच्छा काम किया। रही बात मुख्यमंत्री की तो सरकार का मुखिया होने के नाते श्रेय तो उन्हे मिलेगा ही। वह कहते है कि सरकार ने राज्य में काफी विकास किया है। सड़कें चिकनी है तो विधि व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है। अब यहां के लोगों को तय करना है कि उन्हें कैसी सरकार चाहिए।
जनता का जो फैसला होगा, हमें वह शीरोधार्य होगा। मोदी ने अन्य दलों से आए उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने के बारे में पूछने पर स्पष्ट कहा कि इसमें बुराई क्या है। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि अगर दूसरे दल के अच्छे लोग भाजपा में आना चाहते है तो क्या उन्हें नहीं लिया जाना चाहिए। जहां तक उनके टिकट देने का प्रश्न है तो कई आधार बनाकर टिकट का वितरण किया गया है। जीतने लायक लोगों को प्रत्याशी बनाया गया है।
जदयू के लोगों को टिकट देने के मामले पर उन्होंने कहा कि वे अपने ही सहयोगी दल के है। इसलिए उन्हे टिकट दिए गए है। आसन्न चुनाव के प्रमुख मुद्दों के बारे में जब मोदी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दे पर हम मतदाताओं के पास जा रहे है और उम्मीद है कि अगले पांच वर्षो के लिए लोग एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन [राजग] सरकार को मौका देंगे।
जब उनसे यह पूछा गया कि टिकट देने में तो उनकी ही चली है, तो उन्होंने कहा कि भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और इसमें केवल एक व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। टिकट कई चरणों में तय किया जाता है, जिसमें केंद्रीय नेतृत्व और चुनाव पूर्व कराए गए सर्वेक्षणों की मुख्य भूमिका रही है।
उन्होंने यह मानने से इंकार किया कि बिहार में भाजपा छोटे भाई की भूमिका में है।
मोदी ने कहा कि गठबंधन सरकार बिना मनमुटाव के पांच वर्षो तक चलाना एक बड़ी उपलब्धि है। अगर बीच में लड़ाई होती तो विरोधी दल के लोग कहते कि सरकार में लड़ाई हो रही है। विक्षुब्धों का तो मुंह बंद नहीं किया जा सकता। भाजपा में टिकट को लेकर मचे हंगामे के बारे में पूछे जाने पर मोदी कहते है कि आज लोगों में राजनीति को लेकर महत्वकांक्षा बढ़ गई है। ऐसे में लोग टिकट के लिए हंगामा करेंगे ही। पिछले चुनाव की तुलना में इस दफा हंगामा कम है।
जब उनसे यह पूछा गया कि सरकार में बतौर सहयोगी भाजपा की भी मुख्य भूमिका रही लेकिन विकास का सारा श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही क्यों लेने दिया जा रहा है, इस पर उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है। सरकार ने अच्छा काम किया है तो इसका श्रेय हमे नहीं राज्य की नौ करोड़ जनता को जाता है, जिसके सहारे भाजपा और जनता दल [युनाइटेड] की सरकार ने अच्छा काम किया। रही बात मुख्यमंत्री की तो सरकार का मुखिया होने के नाते श्रेय तो उन्हे मिलेगा ही। वह कहते है कि सरकार ने राज्य में काफी विकास किया है। सड़कें चिकनी है तो विधि व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है। अब यहां के लोगों को तय करना है कि उन्हें कैसी सरकार चाहिए।
जनता का जो फैसला होगा, हमें वह शीरोधार्य होगा। मोदी ने अन्य दलों से आए उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने के बारे में पूछने पर स्पष्ट कहा कि इसमें बुराई क्या है। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि अगर दूसरे दल के अच्छे लोग भाजपा में आना चाहते है तो क्या उन्हें नहीं लिया जाना चाहिए। जहां तक उनके टिकट देने का प्रश्न है तो कई आधार बनाकर टिकट का वितरण किया गया है। जीतने लायक लोगों को प्रत्याशी बनाया गया है।
जदयू के लोगों को टिकट देने के मामले पर उन्होंने कहा कि वे अपने ही सहयोगी दल के है। इसलिए उन्हे टिकट दिए गए है। आसन्न चुनाव के प्रमुख मुद्दों के बारे में जब मोदी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दे पर हम मतदाताओं के पास जा रहे है और उम्मीद है कि अगले पांच वर्षो के लिए लोग एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन [राजग] सरकार को मौका देंगे।
जब उनसे यह पूछा गया कि टिकट देने में तो उनकी ही चली है, तो उन्होंने कहा कि भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और इसमें केवल एक व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। टिकट कई चरणों में तय किया जाता है, जिसमें केंद्रीय नेतृत्व और चुनाव पूर्व कराए गए सर्वेक्षणों की मुख्य भूमिका रही है।
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