जिले की एक अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, प्रदेश अध्यक्ष चौधरी महबूब अली और चार अन्य के खिलाफ सुधीर कुमार ओझा को दल का प्रत्याशी नहीं बनाए जाने पर धोखाधड़ी के मामले में शिकायत दर्ज की।
शिकायतकर्ता और अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा का बयान दर्ज करने के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रमेश चंद्र मालवीय ने शिकायत दर्ज की। इस मामले में जिन गवाहों के नाम तय किए गए हैं उनके बयान के लिए अदालत ने 27 अक्टूबर की तारीख तय की है।
ओझा ने अपनी अर्जी में कहा है कि वर्ष 2007 में सोनिया गांधी का दुर्गा अवतार में जब एक पोस्टर, पार्टी कार्यालय में लगाया गया था तो उसने उच्चतम न्यायालय के एक वकील एससी महेश्वरी के मध्यस्थता कराने पर सोनिया गांधी, उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी और मुरादाबाद के कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के खिलाफ दर्ज शिकायत वापस ले ली थी।
ओझा ने दावा किया कि महेश्वरी ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि शिकायत वापस लेने के बाद उन्हें (ओझा) उचित इनाम दिलाएंगे। उच्चतम न्यायालय के वकील ने ओझा से शिकायत वापस लेने के एवज में उसे कांग्रेस प्रत्याशी बनाए या पार्टी में एक ऊंचा ओहदा देने का वादा किया था।
शिकायतकर्ता की अर्जी का संज्ञान लेते हुए अदालत ने पूर्व में सोनिया गांधी और अन्य को समन जारी कर व्यक्तिगत तौर पर अपना पक्ष रखने को कहा था, जिसके बाद महेश्वरी मध्यस्थता कराने के लिए हाल में ओझा के घर पहुंचे थे। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में की गई शिकायत में कहा गया है कि ओझा ने 2007 में सोनिया गांधी के खिलाफ मामला वापस ले लिया था।
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