इस चार्जशीट पर आरएसएस प्रवक्ता राम माधव ने कहा, ''संघ किसी भी रुप में आतंकवाद का विरोध करता है. इस तरह के मामले में अगर किसी व्यक्तिशाह पर कोई आरोप है तो उसकी सही ढंग से जांच हो और अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसे दंड भी मिले.''
विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया ने इस चार्ज शीट को लेकर सीधे सरकार पर निशाना साधा और इसे राजनैतिक षड़यंत्र बताया.
उन्होंने कहा, "श्रीनगर में पाकिस्तान के झंडे फहराने वाले, दिल्ली में आकर कश्मीर को पाकिस्तान बनाने का भाषण देने वालों से सरकार वार्ता कर रही है, उनको जम्मू-कश्मीर पुलिस में नौकरियां दे रही है. जिस संगठन का 80-90 साल का देशभक्ति का इतिहास है, उनको ऐसी गतिविधियों के साथ दिखाना सबसे बड़ा षड़यंत्र है."
तोगड़िया का कहना है, "राष्ट्रीय स्वयं संघ के सदस्यों की देशभक्ति के बारे में आज तक किसी ने संदेह नहीं किया है. चिदंबरम ने भगवा आतंकवाद कहा, कहीं यह चार्जशीट चिदंबरम के वक्तव्य को साबित करने का राजनैतिक षड़यंत्र तो नहीं है."
इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, "आरएसएस की राजनीति हमेशा से ही नकारात्मक रही है. उसने हमेशा समाज को अलगाने का काम किया है. हाल का प्रकरण महज़ इसकी एक अभिव्यक्ति है."
वहीँ बचाव पक्ष के एक सूत्र ने बताया कि इन्द्रेश कुमार के बारे में जो कुछ भी कहा गया है, वो चार्ज शीट का हिसा नहीं है. अलबत्ता जाँच अधिकारी ने इसका उल्लेख जरूर किया है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक जाँच अधिकारी ने चार्ज शीट में कहा कि अभी कुछ गंभीर गोपनीय पहलुओं पर जांच जारी है.
जाँच अधिकारी ने आठ सौ पन्नों के आरोप पत्र में बाइसवें पृष्ठ पर इन्द्रेश कुमार और उस बैठक का उल्लेख किया है.
जयपुर में आरएसएस के भारती भवन पर संघ के एक पदाधिकारी संजय ने कहा, "इन्द्रेश कुमार पर आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है. दरअसल अयोध्या पर अदालत ने हिन्दू संगठनों के पक्ष में फैसला दे दिया, अब कांग्रेस के पास कुछ नहीं बचा, सो वो बिहार में अल्पसंख्यक वोट रिझाने के लिए ये हथकंडे अपना रही है."
उन्होंने कहा, "इन्द्रेश कुमार एक देश भक्त हैं, उन्होंने चालीस साल पहले अपना जीवन सेवा के लिए समर्पित कर दिया. वो इंजीनियरिंग का पेशा छोड़कर देश सेवा में लग गए थे. ऐसे व्यक्ति पर नाहक आरोप लगाए गए हैं. केंद्र और राजस्थान में दोनों जगह कांग्रेस की सरकार है, हमें ऐसे आरोप पर कोई आश्चर्य नहीं होता."
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