अमेरिकी राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा की 7 से 10 नवंबर की भारत यात्रा के दौरान श्री दरबार साहिब जाने के रद्द कार्यक्रम को लेकर इन दिनों खबरों का बाजार गर्म है। बराक ओबामा की यात्रा में श्री दरबार साहिब को शामिल किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को जो पत्र लिखा है, उसकी सिख जगत में बेहद आलोचना हो रही है।
उनकी अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता बीर दविंदर सिंह ने कहा है कि किसी को आमंत्रित करने की अपनी मर्यादा होती है, लेकिन मुख्यमंत्री या शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ का उन्हें मिन्नतें करके बुलाया जाना शोभा नहीं देता। इससे सिखों के स्वाभिमान को ठेस पहुंची है।
उधर, शिरोमणि खालसा पंचायत के संयोजक रजिंदर सिंह खालसा ने भी एसजीपीसी के प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ और मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पत्रों की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि श्री दरबार साहिब कोई ताजमहल नहीं है, जिसका नजारा करने के लिए बराक ओबामा को आना चाहिए। यह आस्था का केंद्र है और यदि उनके मन में आस्था है तभी वे आएं। उन्होंने कहा कि श्री दरबार साहिब की एक मर्यादा है, उसे उन्हें निभाना ही होगा।
रजिंदर सिंह ने कहा कि यदि बराक ओबामा के मन में आस्था ही नहीं है तो उन्हें जबरदस्ती बुलाए जाने का कोई तुक नहीं बनता है। ओबामा के न आने से श्री दरबार साहिब के प्रति लोगों की आस्था में कोई कमी नहीं आयेगी
हद हो गई. मन्दिर साहब बुलाने के लिये मिन्नतें. यहां आकर लोग खुद मिन्नते करते हैं, मिन्नते करके नहीं बुलाया जाता..
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