अजमेर दरगाह शरीफ बम धमाका मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक प्रचारक इंद्रेश कुमार को आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) ने साजिश का आरोपी बनाया है। राजस्थान एटीएस ने अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। इस आरोपपत्र में संघ प्रचारक इंद्रेश कुमार पर भी बम धमाकों की साजिश का आरोप है। इंद्रेश पर सिर्फ अजमेर धमाकों में ही नहीं, बल्कि कई अन्य धमाकों की साजिश में भी शामिल होने का आरोप है।
एटीएस ने अजमेर की अदालत में जो आरोपपत्र दाखिल किया है, उसमें कहा गया है कि जयपुर के एमआई रोड के गुजराती समाज के गेस्ट हाउस में कमरा नंबर 26 में 31 अक्टूबर 2005 को अजमेर दरगाह सहित हैदराबाद की मक्का मस्जिद और मालेगांव में बम धमाकों की साजिश के लिए एक गुप्त बैठक हुई। बैठक में संघ के प्रचारक इंद्रेश कुमार, मालेगांव धमाकों की मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह, सुनील जोशी, रामजी कलसांगरा, देवेंद्र गुप्ता, लोकेश और संदीश डांगे शामिल थे।
बैठक में अजमेर दरगाह समेत देश के विमिन्न शहरों में धमाकों के लिए जिम्मेदारी तय की गई थी। आरोपपत्र के मुताबिक बैठक को संबोधित करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा था कि अन्य धार्मिक संगठनों के साथ मिलकर काम करें, वरना मिशन सफल नहीं होगा। आरोपपत्र के मुताबिक कमरा नंबर 26 मनोज सिंह नाम के एक शख्स के नाम पर बुक था। मालूम हो कि इंद्रेश कुमार संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी का सदस्य है। इसके अलावा वह 1996 से संघ के उत्तर क्षेत्र के संपर्क प्रमुख के पद पर भी रहा है।
बैठक में सुनील जोशी को बम धमाका करने की, लोकेश शर्मा और रामजी कलसांगरे को हथियार और विस्फोटक जुटाने और रेकी कर ठिकाने तय करने की, देवेंद्र गुप्ता को फर्जी आईडी से मोबाईल सिम जुटाने, संदीप डागे और सुनील जोशी को धन जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अजमेर दरगाह में 11 अक्टूबर 2007 में एक बम फटा था, जिसमें तीन की मौत हुई थी और 15 घायल हुए थे।
उधर , इंद्रेश कुमार का कहना है कि बरसों से उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। जो भी आरोप उन पर लगाए गए हैं वे सारे झूठे हैं। उन्होंने कहा कि आज वे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखेंगे और साजिश का खुलासा करेंगे।
बुरा समय है..
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