बढ़ती महंगाई का ठीकरा कई बार राज्य सरकारों के सिर फोड़ चुकी केंद्र सरकार ने इसके लिए नया ‘अपराधी’ ढूंढ निकाला है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया की मानें तो गांवों में बढ़ रही समृद्घि ही महंगाई के लिए जिम्मेदार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय और जीवनस्तर बढ़ने से खाद्य पदार्थो की मांग बढ़ी है और यही वजह है कि खाद्य पदार्थो की महंगाई दर लगातार ऊंची बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘यदि ग्रामीण आय बढ़ेगी, तो ज्यादा लोग सब्जियां और फल खरीदेंगे और उनकी कीमतें ऊपर चढ़ेंगी।
खाद्यान्न की वजह से महंगाई नहीं बढ़ी है, खाद्यान्न की कीमतें फिलहाल नरमी में हैं, महंगाई का दबाव दूध, फल और सब्जियों की वजह से बना है। अहलूवालिया ने कहा कि जब कुल महंगाई दर कम हो और सब्जियों की कीमत अधिक हो तो ऐसी स्थिति में किसी को ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए।
हालांकि, अहलूवालिया ने विश्वास जताया कि नवंबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में तेज गिरावट देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जल्द ही एकल अंक में आ जाएगी, लेकिन उन्होंने इसकी समयसीमा के बारे में बताने से इंकार कर दिया। कुछ अर्थशास्त्रियों का भी मानना है कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई दिसंबर के अंत तक एकल अंक में होगी।
क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी के मुताबिक, आपूर्ति संबंधी बाधाएं धीरे-धीरे समाप्त हो रही हैं और यह खाद्य वस्तुओं की महंगाई कम करने में मदद करेगा।
मोंटेक सिंह जैसे खोखला दिमाग के लोग इसी प्रकार की बातें और नीतियाँ ही बना सकतें हैं ..ये भारत ही है जहाँ वो योजना आयोग के अध्यक्ष के पद पर इस तरह के अयोग्य सोच के बाबजूद बैठे हुए हैं और मिडिया में बैठे तथा कथित बुद्धिजीवी भी उनको कुछ ज्ञान की बातें नहीं सिखा पा रहें हैं ...भ्रष्टाचार और मनमोहनी माया ने इस देश को बर्बाद करने का ठान रखा है...भगवान जाने क्या होगा इस देश और इंसानियत का ...?
ReplyDeleteaap to gramino ko amir hone se rokne ki har koshish kar chuke hai & kar rahe hai lekin ye to india ka aadmi hai ki apni jijivisha se jiye ja raha hai............ dhanyawad .......aalu ..wala..liya.........
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