गुजरात हाई कोर्ट ने पूर्व गृहराज्य मंत्री अमित शाह को सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में जमानत दे दी। इससे
पहले बुधवार को अदालत ने शुक्रवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
शुक्रवार को अदालत ने शाह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने शाह के वकील राम जेठमलानी की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि शाह सार्वजनिक जीवन में हैं और इसलिए उनके गायब होने या सीबीआई के साथ सहयोग न करने की कोई संभावना नहीं है। इसलिए उन्हें जमानत न दिए जाने का कोई कारण नहीं है।
अदालत में सुनवाई के दौरान जेठमलानी ने कहा था कि शाह के खिलाफ अब तक सिर्फ राजनीतिक जांच ही हुई है। उनके खिलाफ कोई आपराधिक जांच नहीं हुई है।
बीजेपी ने इस फैसले का स्वागत किया है। बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हमारा शुरू से न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास था और हम यह भी जानते थे कि शाह के खिलाफ राजनीतिक साजिश अदालत में नहीं टिकेगी। अदालत के आज के फैसले ने हमारे विश्वास को मजबूती दी है।
केंद्रीय मंत्री शंकर सिंह वाघेला ने इसे न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बताते हुए कहा कि वह इस पर कोई कॉमेंट नहीं कर सकते। हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि सीबीआई इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
शुक्रवार को अदालत ने शाह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने शाह के वकील राम जेठमलानी की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि शाह सार्वजनिक जीवन में हैं और इसलिए उनके गायब होने या सीबीआई के साथ सहयोग न करने की कोई संभावना नहीं है। इसलिए उन्हें जमानत न दिए जाने का कोई कारण नहीं है।
अदालत में सुनवाई के दौरान जेठमलानी ने कहा था कि शाह के खिलाफ अब तक सिर्फ राजनीतिक जांच ही हुई है। उनके खिलाफ कोई आपराधिक जांच नहीं हुई है।
बीजेपी ने इस फैसले का स्वागत किया है। बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हमारा शुरू से न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास था और हम यह भी जानते थे कि शाह के खिलाफ राजनीतिक साजिश अदालत में नहीं टिकेगी। अदालत के आज के फैसले ने हमारे विश्वास को मजबूती दी है।
केंद्रीय मंत्री शंकर सिंह वाघेला ने इसे न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बताते हुए कहा कि वह इस पर कोई कॉमेंट नहीं कर सकते। हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि सीबीआई इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
चलो कम से कम न्यायालय ने तो विस्वास दिलाया सीबीआई से तो विस्वास उठ गया.
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