मुस्लिम समाज के प्रतिष्ठित नेता और जमात उलेमा ए हिंद के धर्मगुरु मौलाना महमूद मदनी ने मुस्लिमों से इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला स्वीकार करने को कहा है। सुन्नी मुस्लिम समाज के सबसे बड़े संगठन के प्रमुख मौलाना मदनी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय इस पर शांति से विचार करे और फैसले को स्वीकार करे। हालांकि मदनी ने कहा कि ये उनके व्यक्तिगत विचार हैं। वे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य भी हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर विचार विमर्श के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी की 16 अक्टूबर को लखनऊ में बैठक हो रही है। बोर्ड पहले ही मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने की वकालत कर चुका है। लेकिन बोर्ड की लीगल सेल आज मिल रही है, जिसमें फैसले से जुड़े कानूनी पहलुओं पर विचार किया जाएगा।
जाने माने देवबंदी सुन्नी मुस्लिम नेता और जमात उलेमा ए हिंद के नेता मौलाना महमूद मदनी ने मुस्लिम समाज से कहा है कि देश के लिए यह बेहतर होगा कि दोनों समाज अपने अपने धर्म स्थल वहां बनाएं। उन्होंने कहा कि जमात उलेमा ए हिंद की अयोध्या विवाद पर चर्चा के लिए 19 अक्टूबर को बैठक होगी।
उधर, अयोध्या में हाशिम अंसारी के सुलह समझौते के प्रयासों से नाराज कुछ लोगों ने शुक्रवार को मस्जिदों में प्रस्ताव पास करने की कोशिश की। सूत्रों का कहना है कि मस्जिदों में नमाज के बाद एक पर्चा पढ़ा गया, जिसमें अंसारी की सुलह समझौते की खिलाफत की गई थी। पर्चे के जवाब में नमाजियों ने कहा कि अभी तक हाशिम ने कोई फामरूला पेश नहीं किया है। ऐसे में विरोध करना गैरवाजिब होगा।
उधर, फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना एम मुकर्रम अहमद ने दिल्ली में जारी बयान में कहा है कि अयोध्या विवाद में बातचीत के लिए अब मौका नहीं है और मामले का कोर्ट से समाधान होना चाहिए। अखिल भारत हिंदू महासभा ने भी सभी हिंदू संगठनों से अपील की है कि वे रामजन्मभूमि पर किसी तरह के समझौते के लिए मुस्लिम संगठनों से बातचीत न करें। हम सुप्रीम कोर्ट में जाने का फैसला कर चुके हैं।
0 comments :
Post a Comment