पाकिस्तान की दो मुंही नीति एक बार फिर उजागर हो गई है। एक तरफ पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भारत आने के लिए तैयार हो गए हैं, लेकिन दूसरी तरफ पाकिस्तान में छिपे लश्कर-ए-तैय्यबा, जमात-उद-दावा और अल बदर सहित दूसरे आतंकवादी संगठन बड़ी संख्या में अपने कैडर को कश्मीर में छद्म युद्ध के लिए भेज रहे हैं।
इनमें कुछ भारत की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं और बाकी शीतकाल का इंतजार कर रहे हैं। भारतीय गृह विभाग को मिल रही जानकारी के अनुसार हफीज सईद के नेतृत्व वाले लश्कर-ए-तैय्यबा, जमात-उद-दावा औऱ अल बदर, जमीम खान गुट इस अभियान को कश्मीरी इंतिफदा(बगावत) की संज्ञा दे रहे हैं। उन्होंने कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के साथ युद्ध के लिए बड़ी संख्या में कैडर तैयार किए हैं। ये आजाद कश्मीर का लक्ष्य लेकर भारत में घुसेंगे।
कुछ आतंकवादी भारत की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं लेकिन ज्यादा घुसपैठ ठंड के समय होगी, जब पहाड़ों पर जबर्दस्त बर्फबारी होती है। इन आतंकवादियों को पाकिस्तानी सरकार का भी पूरा समर्थन है। पाकिस्तानी सेना, इन आतंकवादियों की घुसपैठ के समय कवरिंग फायर करती है। वे फायरिंग कर न केवल भारतीय सेना को उलझाए रखते हैं बल्कि आतंकवादियों को बचाते भी हैं।
इन संगठनों ने पहला कश्मीरी इंतिफदा(बगावत) 1989 में किया था, जिसके बाद करीब एक दशक तक दक्षिण एशिया में हिंसा का दौर चला था। कई बार भारत और पाकिस्तान के संबंध टूटने की कगार पर आ गए थे। और इन आतंकवादी संगठनों की एक बार फिर वही खूनी दौर लाने की तैयारी है।
भारतीय सेना भी तैयार
भारतीय सेना के पास भी इस षडयंत्र की पूरी जानकारी है। सेना ने इसके लिए विशेष रणनीति बना है। हाल ही में 16 कार्प्स के मुख्यालय नागरोटा में सैन्य और गुप्तचर विभाग के अफसरों की बैठक लेफ्टिनेंट जनरल रामेश्वर राय की अध्यक्षता में हुई। बैठक में बताया गया कि 600 से ज्यादा पूरी तरह से प्रशिक्षित आतंकवादी सीमा पार घुसपैठ को तैयार बैठे हैं। आतंकवादियों पर भारतीय सीमा में प्रवेश का दबाव भी बढ़ रहा है।
पाक विदेश मंत्री भारत आएंगे
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भारत आ रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और कुरैशी के बीच जुलाई में इस्लामाबाद में हुई विफल बातचीत के बाद पहली बार दोनों नेताओं की मुलाकात होगी। हालांकि दोनों नेताओं में पिछले माह संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा की बैठक के दौरान भी मुलाकात का मौका था, लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और उसने फिर कश्मीर का मुद्दा उछाल दिया। पाकिस्तान कई बार दोहरा चुका है कि भारत से बातचीत तभी संभव है जब कश्मीर और सियाचीन जैसे मुद्दों पर चर्चा हो। भारत भी सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए राजी है।
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने बताया कि उन्होंने जुलाई में पाकिस्तानी विदेश मंत्री को भारत आने का निमंत्रण दिया था, जो उन्होंने मान लिया है। उन्होंने कहा कि तारीख जल्दी ही तय होंगीं।
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