न्यायालय के निर्णय के बाद पार्टी के मीडिया प्रभारी जनार्दन द्विवेदी ने न्यायालय के निर्णय को तहेदिल स्वीकारने की अपील करते हुए कहा था अदालत पक्षपात रहित संस्था है। चार दिन बाद पार्टी, पार्टी प्रवक्ता जयंती नटराजन ने न्यायालय के फैसले को न्यायिक प्रक्रिया का अंग बताते हुए सर्वोच्च न्यायालय में ही अंतिम समाधान की बात कही।
इस फैसले से बाबरी ढांचा ध्वस्त करने पर न्यायालय का निर्णय रद्द हो जाता है। इस सवाल के जवाब में जनार्दन द्विवेदी ने एक फैसले द्वारा दूसरे फैसले के खंडन से इनकार किया। सोमवार को फिर जयंती नटराजन ने कहा कि अयोध्या फैसले से बाबरी मस्जिद विध्वंस का आरोप समाप्त नहीं होता।
पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस में असमंजस का मुख्य कारण यह है कि फैसले में तीन भागों में विवादित स्थल विभक्त करने के फैसले पर मुसलमान समुदाय में अनुकूल प्रतिक्रिया न होने पर कांग्रेस ने फैसले का पक्ष लेना छोड़कर सर्वोच्च न्यायालय में अंतिम निर्णय की बात कहना शुरू कर दिया गया है ताकि मुस्लिम मतदाता असंतुष्ट न हों।
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