देश में हिंदू विरोधी अभियान चलाने और हिंदू संगठनों को बदनाम करने की साजिश के विरोध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) के कार्यकर्ता और नेता देशभर में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। अजमेर विस्फोट में संगठन के प्रचारक इंद्रेश कुमार पर आरोप लगाए जाने को साजिश करार देते हुए संघ पहली बार खुद किसी मुद्दे पर सड़कों पर उतरा है।
लखनऊ में धरने का नेतृत्व सर संघचालक मोहन राव भागवत खुद कर रहे हैं, जबकि हैदराबाद में भैयाजी जोशी और भोपाल में के. एस. सुदर्शन विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। लखनऊ में धरने के बाद राज्यपाल को ज्ञापन भी दिया जाएगा। इसके अलावा देश भर में जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन हो रहा है।
संघ का मानना है कि केंद्र सरकार सुनियोजित साजिश के तहत उसे आतंकवाद से जोड़ कर बदनाम कर रही है। केंद्र सरकार को मालूम है कि संघ को बदनाम कर हिंदूवादी आंदोलन को कमजोर किया जा सकता है। यही वजह है कि राष्ट्र विरोधी ताकतें भी केंद्र सरकार का साथ दे रही हैं।
दिल्ली में यह विरोध प्रदर्शन जंतर-मंतर समेत पांच स्थानों पर आयोजित किया गया, जहां संघ के वरिष्ठ नेता सुरेश सोनी, राम माधव और वीएचपी नेता अशोक सिंघल समेत बीजेपी के कई नेता शामिल हो रहे हैं।
संघ प्रचारक राम माधव ने से कहा कि आतंकवाद और हिंदुत्व विपरीत धारा है और कभी भी इन्हें एक दूसरे से नहीं जोड़ा जा सकता है। यह भारत में हिंदुओं को कमजोर करने का बड़ा दुष्प्रचार है।
सूत्रों ने बताया कि बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी आज लोकसभा में भी इस मुद्दे को उठाएंगे।
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