तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने आज एक बार फिर दोहराया कि ए. राजा ने स्पेक्ट्रम आवंटन में वर्ष 1999 से अपनायी गई नीति का ही पालन किया और द्रमुक ने उन्हें केंद्रीय दूरसंचार मंत्री पद से केवल इसलिए त्यागपत्र देने के लिए कहा ताकि संसद की कार्यवाही में कोई बाधा उत्पन्न न हो।
राजा द्वारा राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपना त्यागपत्र सौंपने के कुछ ही देर बाद करुणानिधि ने कहा, ‘‘हमने राजा से इस्तीफा केवल इसलिए देने को कहा ताकि संसद की कार्यवाही में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हो क्योंकि हम संसद को लोकतंत्र की जननी मानते हैं।’’ उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही में पिछले एक वर्ष से बाधा उत्पन्न करना राजा को पद से हटाने की पहले से बनाई गई योजना का हिस्सा था।
राजा एक ऐसे दलित नेता हैं जिन्होंने डा. बी. आर. अंबेडकर जैसे नेताओं के आदशरें के प्रति स्वयं को समर्पित कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘राजा मेरे स्नेही भाई हैं।’’
इससे पहले द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम :द्रमुक : ने लगातार ठोस समर्थन देते रहने के बाद आखिरकार आज रात अपनी पार्टी के केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री से इस्तीफा देने को कहा ताकि संसद की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलनी सुनश्चित हो और जन महत्व के मुद्दे उठाये जा सकें ।
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