देश के सबसे बड़े कॉरपोरेट घोटाले का राजनीतिक फायदा उठाने के लिए ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक (एआईएडीएमके) की प्रमुख जे. जयललिता ने केंद्र सरकार को सौदेबाजी की खुली पेशकश की है। जयललिता ने एक निजी समाचार चैनल से कहा कि अगर केंद्र की यूपीए सरकार दूरसंचार मंत्री ए. राजा को हटाए तो यूपीए को एआईएडीएमके समर्थन देगी। राजा जयललिता की धुर विरोधी पार्टी डीएमके के नेता हैं।
राजा पर आरोप है कि उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस पानी के भाव और कई नाकाबिल कंपनियों को बेच कर सरकारी खजाने को करीब सवा लाख करोड़ रुपये की चपत लगाई। इसे देश के इतिहास में सबसे बड़ा कॉरपोरेट घोटाला बताया जा रहा है। उन्हें हटाने के लिए विपक्ष केंद्र सरकार पर जबर्दस्त दबाव बना रहा है। इस मामले पर आज संसद में हुए हंगामे के बाद सदन की बैठक सोमवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
जयललिता की सौदेबाजी:
जयललिता ने कहा, 'दूरसंचार घोटाले से देश की बदनामी हो रही है और देश का बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। अगर कांग्रेस को डर है कि राजा को हटाने से डीएमके केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लेगी तो मेरे पास सरकार बचाने के रास्ते हैं। मेरे पास 9 लोकसभा सांसद हैं। जरूरत पड़ने पर समान विचारधारा की कई और पार्टियां समर्थन दे सकती हैं।'
जयललिता से जब यह पूछा गया कि कौन सी दूसरी पार्टियां केंद्र सरकार को समर्थन दे सकती हैं तो उन्होंने नाम बताने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार पर संकट आने की स्थिति में वे सरकार को बचाने के लिए 18 सांसदों का समर्थन दिलवा सकती हैं। जयललिता की पार्टी के 9 लोकसभा सांसद हैं। जलललिता ने यह भी कहा कि अगर राजा कैबिनेट में बने रहते हैं तो एआईडीएमके पूरे देश में आंदोलन करेगी। यूपीए सरकार को समर्थन दे रही डीएमके के पास लोकसभा में 18 सांसद हैं।
जयललिता के इस ऐलान से केंद्र में समीकरण बदल सकते हैं। इसके अलावा तमिलनाडु में छह महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी इस ऐलान का असर पड़ सकता है। गठबंधन राजनीतिक के चलते लाचार कांग्रेस के लिए जयललिता का प्रस्ताव नई चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। अब कांग्रेस पर राजा को हटाने का जबर्दस्त दबाव बनेगा।
1.7 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम घोटाले के आरोपी दूरसंचार मंत्री ए. राजा की पार्टी डीएमके ने अपने मंत्री पर इस्तीफे के लिए बन रहे दबाव के बावजूद कहा है कि राजा को अपना पद छोड़ने की जरूरत नहीं है। डीएमके के प्रवक्ता टी. इलंगोवन ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह ए. राजा के खिलाफ राजनीतिक साजिश है। डीएमके का कहना है कि सीएजी की रिपोर्ट अंतिम नहीं है और यह ग़लत भी हो सकती है। सीएजी इस बाबत 18 नवंबर को अपनी आखिरी रिपोर्ट सौंपेगी। मीडिया में आईं ख़बरों के मुताबिक सीएजी की ही अंतरिम रिपोर्ट में 2 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये की हेराफेरी की बात कही गई है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
जयललिता के राजा को हटाने के बदले समर्थन देने के संकेत का दिल्ली से लेकर तमिलनाडु तक की सियासत पर असर पड़ने की संभावना है। भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि ए. राजा का सरकार से हटना ज़्यादा महत्वपूर्ण है। पार्टी की प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि राजा को हटाने के लिए कोई भी पार्टी यूपीए को समर्थन दे सकती है, बीजेपी के लिए अभी यह मुद्दा नहीं है।
गौरतलब है कि जयललिता की एआईएडीएमके पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुकी है। वहीं, जनता दल (सेक्युलर) ने जयललिता के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार राजा को हटाए और अगर जरूरत पड़ी तो लोकसभा में पार्टी के तीन सांसदों का समर्थन यूपीए को दिया जा सकता है। हालांकि, जयललिता की पेशकश पर कांग्रेस की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
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