गृह मंत्रालय में तैनात निदेशक रवि इंदर सिंह को मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा। सिंह को सोमवार को गोपनीय और संवेदनशील जानकारियां लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
खुफिया ब्यूरो ने आगाह किया था कि गृह मंत्रालय में कोई भेदिया है। इसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ। करीब एक महीने से सिंह पर नजर रखने के बाद सोमवार को उनके घर और दफ्तर में छापामारी की गई। वहां से कई दस्तावेज, पेन ड्राइव, लैपटॉप जब्त किया गया। इसके बाद दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के अधिकारियों ने सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
सिंह को सरकारी गोपनीयता अधिनियम (ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट - ओएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। जानकार बताते हैं कि उन पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून (प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट, पीसीए) के तहत पद का दुरुपयोग करने और गलत ढंग से आर्थिक लाभ लेने के आरोप भी लगाए जा सकते हैं।
1994 बैच के पश्चिम बंगाल काडर के आईएएस अफसर रवि इंदर सिंह नार्थ ब्लॉक (गृह मंत्रालय) में आंतरिक सुरक्षा विभाग में डायरेक्टर हैं। उनके पास जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्य, आतंकवाद, नक्सलवाद आदि से जुड़ी तमाम संवेदनशील जानकारियां होती थीं। वह सुरक्षा के लिहाज से ब्लैकबेरी की कुछ सर्विस पर गृह मंत्रालय की आपत्ति का मामला भी देख रहे थे। साथ ही, नंबर पोर्टेबिलिटी से जुड़ा मसला भी उनके जिम्मे था। गृह सचिव जीके पिल्लई ने बताया कि यह अफसर विभाग की जानकारियां कुछ उद्योगपतियों को भी देता था। हालांकि यह साफ नहीं है कि सिंह किनके लिए काम करता था।
पिछले कुछ महीनों में संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार होने वाले सिंह दूसरे बड़े अफसर हैं। अप्रैल में पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास में कार्यरत माधुरी गुप्ता को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को संवेदनशील जानकारियां लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। माधुरी के खिलाफ अभी दिल्ली में मामला चल रहा है
साले कुत्ते को गिरफ्तार ही क्यूँ किया शूट कर देना चाहिए इन सालों को ये फिर बहाने बनाएगा और ज्यादा दिनों तक जीवित रहेगा और बची खुची जानकारियां लिक करेगा|
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