इधर पुलिस का कहना है कि ये एक गश्ती दल था और पूरा हंगामा ग़लतफ़हमी का नतीजा है.
हतमुरा के जगमोहन रैना ने कहा कि फ़ौजी वर्दी में वहाँ पहुँचे लोगों का गुट घरों के दरवाज़ों पर दस्तक दे रहा था और बार-बार उन्हें घर से बाहर आने के लिए कह रहा था.
जगमोहन रैना के अनुसार रात के समय हुई इस कार्रवाई से गाँव मे दहशत फैल गई और कुछ लोग गाँव से बाहर भाग खड़े हुए जबकि एक गुट साथ जमा होकर शोर मचाने लगा.
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की इस प्रतिक्रिया के बाद फ़ौजी वर्दी पहने लोगों मे अफ़रा-तफ़री मच गई और वे अपनी गाड़ी वहीं छोड़ भाग गए. बताया गया है कि इसके बाद नाराज़ ग्रामीणों ने जीप को आग लगा दी.
जगमोहन रैना ने कहा कि इसी तरह की एक घटना बुधवार को बारामूला ज़िले के उपालना गाँव में भी घटित हुई थी जिसकी जाँच की माँग सिख समुदाय ने उठाई है.
उनका कहना था कि उपालना की घटना के सिलसिले में उन्होंने भारतीय गृह मंत्री पी चिदंबरम और राज्य के मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्लाह को शुक्रवार दिन में ही चिट्ठी भेजी है.
पुलिस का कहना है कि ये सुरक्षा बलों का एक गश्ती दल था जिसे लेकर ग्रामीणों के बीच कुछ ग़लतफ़हमी पैदा हो गई थी.
इस मामले पर पुलिस के बयान में दावा किया गया है कि प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों ने मिलकर पूरे मामले को सुलझा लिया है.
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