बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजग गठबंधन को भारी बहुमत से जीत दिलाने के लिए बिहार की जनता को धन्यवाद दिया तथा कहा कि यह विकास और जनता की जीत है।
उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों के सामने एक सवाल था कि क्या उन्हें विकास के पथ पर आगे बढ़ना है या फिर से पुराने अंधकार युग की ओर जाना है, बिहार की जनता ने विकास को चुना है और उनकी सरकार विकास की तरफ बढ़ने के लिए मेहनत से पीछे नहीं हटेगी।
नीतीश ने कहा कि जनता ने सभी जातीय समीकरण को नकार दिया है। उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए हुए कहा कि अब बात बनाने का समय चला गया। अब जनता विकास चाहती है। उन्होंने कहा कि जो दल जातीय समीकरण को आधार बनाकर जीत हासिल करने का सपना संजोए थी उनको जनता ने एक सबक सिखाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने जो राजग सरकार पर विश्वास दिखाया है, उससे मुझे एक विशेष जिम्मेवारी का भी आभास है। मैं उससे पीछे नहीं हटूंगा।
उन्होंने कहा कि कभी-कभी प्रकृति भी परीक्षा लेती है, लेकिन उन सभी चुनौतियों से जूझना पड़ेगा। उन्होंने महिलाओं और युवाओं में नई ऊर्जा के संचार को बनाए रखने पर बल दिया। नीतीश ने कहा कि चुनाव में उनके द्वारा दिखाए गए उत्साह को रचनात्मकता में बदलने का हर संभव प्रयत्न करेंगे।
चुनाव के बाद आत्मविश्वास लेकिन विनम्रता से लवरेज नीतीश ने कहा कि इस बार मीडियाकर्मियों को लंबे चुनावी अभियान के दौरान काफी मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने मजाकिया लहजे में पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार कम से कम उन्हेँ यात्रा के दौरान कम कष्टों का सामना करना पड़ा होगा। उनका इशारा उनके शासनकाल में अच्छी सड़कों के निर्माण की ओर था।
उन्होंने चुनाव आयोग का भी धन्यवाद करते हुए कहा कि बिहार बदल चुका है और अब इतने लंबे चुनावी अभियान की जरूरत नहीं है। बिहार बदल चुका है और कम समय में भी ऐसे ही निष्पक्ष चुनाव संभव हैं। पत्रकारों द्वारा प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर पूछे गए एक सवाल पर नीतीश ने कहा कि मैं दाएं-बाएं देखने वालों में से नहीं हूं। मुझे जनता ने बिहार के लिए काम करने का निर्णय दिया है।
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