दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि भारत के खिलाफ भाषण देने के लिए क्यों न कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, लेखिका अरुंधती राय और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रफेसर एस. ए. आर गिलानी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
न्यायमूर्ति हीमा कोहली ने एक याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब देने को कहा है। इस याचिका में अरुंधती और बाकी के खिलाफ देशद्रोह और कई अपराधों के आरोप में आपराधिक मुकदमा चलाए जाने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता के वकील सुग्रीव दुबे ने कहा कि सरकार को भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
सुग्रीव ने 25 अक्टूबर को अरुंधती और बाकी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि स्वतंत्रता में कभी भी राष्ट्र हित के खिलाफ विचारों के प्रसार की आजादी शामिल नहीं रही और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्दोष लोगों को भड़काने के उद्देश्य से भाषण की इजाजत नहीं दी जाए। वकील के मुताबिक राय ने अपने भाषण में कहा था कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं है और उन्होंने राज्य के युवकों से कश्मीर के लिए बलिदान करने का आह्वान किया था।
सुग्रीव की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 27 जनवरी तय की और दिल्ली सरकार से 27 जनवरी तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
भारत विरोधी भाषण देने के लिए हुर्रियत नेता और अरुंधती के खिलाफ निचली अदालत में पहले से ही दो शिकायतें दर्ज हैं।
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