उच्चतम न्यायालय ने शीतल पेय में कीटनाशक की मात्रा पर केरल सरकार द्वारा पेप्सिको के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को आज दरकिनार कर दिया।
कंपनी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अल्तमास कबीर की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने पेप्सिको इंडिया के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को दरकिनार कर दिया। निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा में कीटनाशक वाले शीतल पेय बेचने के लिए कंपनी के खिलाफ केरल सरकार ने आपराधिक कार्यवाही शुरू की थी।
उच्चतम न्यायालय ने केरल उच्च न्यायालय के पहले के आदेश को भी दरकिनार कर दिया जिसमें उच्च न्यायालय ने कंपनी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार किया था।
उल्लेखनीय है कि पेप्सिको द्वारा राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ एक हलफनामा दायर करने के बाद उच्चतम न्यायालय ने सितंबर में इस मुद्दे पर निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
पेप्सिको ने दलील दी थी कि कानून के मुताबिक, कोल्ड ड्रिंक्स में कीटनाशक की मिलावट के नियमन के लिए कोई प्रावधान नहीं है और यह विश्वभर में स्वीकार्य नियम है कि सभी खाद्य वस्तुओं में कीटनाशक की मात्रा मौजूद होती है।
इसके अलावा खाद्य अपमिश्रण अधिनियम 1954 में शीतल पेयों में कीटनाशक होने की कोई मात्रा अभी तक तय नहीं की गई है। खाद्य अपमिश्रण नियमों में भी इसके बारे में कोई निर्धारित मात्रा नही रखी गई है।
0 comments :
Post a Comment