बिहार में कांग्रेस को मिली शर्मनाक हार के बाद लगता है कि राहुल गांधी का मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया है अब राहुल ने अपने गुजरात दौरे के दौरान राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी की तुलना क्रांतिकारी चीनी नेता माओ त्से-तुंग से कर डाली।
अहमदाबाद में कॉलेज स्टूडेंट्स से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने गुजरात के चीफ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की तुलना माओ से कर डाली। उन्होंने कहा कि माओ ने भी चीन का विकास किया, लेकिन देश का विनाश करके। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि आखिर माओ ने चीन का विनाश कैसे किया।
बिहार चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद राहुल गांधी अहमदाबाद, बड़ौदा और राजकोट के दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने कॉलेज छात्रों से बातचीत की। राहुल ने छात्रों के कई सवालों के जवाब भी दिए। अहमदाबाद की एक छात्रा निधि के राहुल से देश के 3 सबसे ईमानदार नेताओं के बारे में जानना चाहा, तो राहुल ने इस पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी और केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम का नाम लिया। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारतीय राजनीति का सबसे बेदाग व्यक्ति बताया।
राहुल की यह बैठक कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई 'नैशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया' (एनएसयूआई) की सदस्यता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। बैठक से पत्रकारों को दूर रखा गया था।
कौन थें माओ ?
माओ त्से-तुंग चीनी कम्यूनिस्ट नेता थे। उनका मानना था कि सत्ता बंदूक से हासिल की जाती है। उन्होंने सत्ता हासिल करने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल भी किया। माओ ने तत्कालीन चीनी शासन के खिलाफ समाज के कमजोर वर्ग को इकट्ठा करके हिंसक आंदोलन चलाया और चीन में कम्यूनिस्ट शासन की स्थापना की। आज उनके द्वारा स्थापित कम्यूनिस्ट सरकार के नेतृत्व में चीन दुनिया की महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
paagal ki kisi baat ka bura nahin maanna karte.
ReplyDeleteयह तो पर्ची चन्द हैं। समझे आप पर्ची का मतलब? कोई सिरफिर कांग्रेसी इन्हें लिख-लिखकर पर्चिया पकड़ा देता है और ये बिना सोचे समझे उसे बांच आते हैं। वैसे सोचने और समझने का काम दिमाग करता है और यहाँ तो शून्य है। लेकिन फिर भी हमारी मिडिया के लाड़ले हैं। क्योंकि बरखा दत्त और वीर सांघी जैसे लोग जानते हैं कि ऐसे ही भौंदू चन्द राज करेंगे तभी तो अपरोक्ष रूप से उनका राज स्थापित होगा।
ReplyDeleteनरेंद्र मोदी अगर माओ होते तो शायद राहुल गुजरात में यह भाषण नहीं दे पाते। जहां तक रही माओ की बात आज के चीनी नेता माओ को एक पागल तानशाह मानते है और करीब 3 या चार दशक पहले (1978) में देन्न जियाओ पिंग ने आज के चीन की नीव डाली थी नाकी माओ ने अगर चीन माओवाद से चिपका रहता तो कटोरा हाथ में ले कर आज भी भीक मांगता नजर आता। अब माओ केवल photo में नजर आते है उनकी नीतियों को DEN-XIO-PING ने और उनके बाद के नेताओं ने कब का कचरे के बस्ते में दाल दिया है
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