देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त अरुंधति राय का पचमढ़ी में बना खूबसूरत आशियाना उनके लिए मुश्किल का सबब बन सकता है। प्रदेश के इस एकमात्र हिल स्टेशन पर करीब 17 साल पहले राय के पति प्रदीप किशन ने घर बनाया था।
घर को लेकर विवाद इस बात पर शुरू हुआ कि इसका निर्माण कार्य संरक्षित वन भूमि पर हुआ है। अब इसी मामले में राज्य सरकार कार्रवाई करने जा रही है। पिछले करीब पांच साल से यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित था। हाल ही में न्यायालय ने इस प्रकरण में निर्देश दिए हैं कि प्रदीप किशन के मामले सहित इसी प्रकृति के दो दर्जन अन्य मामलों में संबंधित एसडीएम निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं। यानी अब गेंद राज्य सरकार के पाले में है और वह एक्शन ले सकती है।
अरुंधति के फिल्म निर्माता पति प्रदीप किशन ने पचमढ़ी से सात किमी दूर बरीआम गांव में एक खूबसूरत घर बनवाया है। रॉय का घर पचमढ़ी फॉल्स के लिए जाने वाले रास्ते में पड़ता है और पचमढ़ी स्पेशल एरिया डेव्लेपमेंट अथॉरिटी (साडा) की सीमा में आता है।
यह क्षेत्र पचमढ़ी वन्यजीव अभयारण्य का भी हिस्सा है और केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इसे पर्यावरण संरक्षण कानून के तहत इको-संवेदी क्षेत्र घोषित कर रखा है। प्रदीप किशन ने यहां 1992 में जमीन खरीदी थी और 1993 में यह घर बनकर तैयार हो गया था। इस मामले में साडा ने घर के निर्माण को स्टेट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट-1973 का उल्लंघन मानते हुए निर्माण रोकने का आदेश दिया था।
साडा का कहना है कि प्रदीप किशन ने इस जमीन का लैण्ड यूज (भू-उपयोग) गलत तरीके से बदलवाया था। इस बीच वन विभाग ने भी घर को अभयारण्य क्षेत्र में होने के कारण अवैध करार दे दिया। इस संबंध में जारी हुए तमाम नोटिसों के जवाब में राय और उनके पति का तर्क यही रहा कि बरीआम गांव किसी संरक्षित वन क्षेत्र में नहीं आता और और उनका घर राजस्व भूमि पर ही बना है।
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